Rajasthan: राजस्थान के भरतपुर में कुम्हेर थाना इलाके के सैह गांव में दबंगों के डर की वजह से प्रशासन ने एक पक्ष की लड़की की शादी करवाई. शादी में दूल्हे की बिंदोरी भी निकाली गई. इस दौरान पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया. शादी में कलेक्टर, एसपी सहित भारी पुलिस बल भी मौजूद रहे. आरोप है कि इस दौरान एक नाबालिग की भी शादी हुई.
ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर दो पक्षों में हुए विवाद के बाद एक पक्ष के लोग कलेक्टर आलोक रंजन के पास पहुंचे थे. जिन्होंने शिकायत की थी कि गांव में दूसरे पक्ष के लोगों के भय के कारण वह गांव से पलायन करने को मजबूर हैं. गांव के दबंग समाज के लोगों को बिंदोरी नहीं निकालने देते. जिस पर जिला कलेक्टर ने प्रशासन के सहयोग से बिंदोरी निकलवाई. इस दौरान प्रशासन ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया. कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में शादी करवाई गई.
अब दूसरे पक्ष के लोगों का आरोप है कि चन्दर सिंह ने अपनी दो लड़कियों की शादी की थी जिसमें से एक लड़की नाबालिग थी. यह सब हुआ प्रशासन के अधिकारियों के सामने, लेकिन इस बात पर प्रशासन के अधिकारियों ने कोई एतराज नहीं जताया. चन्दर सिंह ने अपनी बड़ी बेटी सोनम की शादी आगरा के हेमंत राव से की थी और छोटी लड़की की शादी हेमंत के छोटे भाई से की. छोटी बेटी की उम्र सिर्फ 15 साल थी. शादी के कार्ड भी दोनों लड़कियों के छपे और बांटे गये. लड़के दोनों भाई थे और लड़किया दोनों बहनें थी. जिसमें छोटी लड़की नाबालिग थी.
राजस्थान सरकार बाल विवाह रोकने के लिये कड़े इंतजामात करती है और सरकार के अधिकारी ही नाबालिग की शादी करवा रहे हैं. नाबालिग की शादी को रुकवाने के लिए सरकार द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया हुआ है. आरोप है कि इस शादी में सभी पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे थे और उनकी मौजूदगी में ही नाबालिक लड़की की शादी संपन्न हुई थी. कानून की पालना करवाने की जिन अधिकारियों के ऊपर जिम्मेदारी है वही कानून को तोड़ रहे हैं. बाल विवाह कानूनन अपराध है. लेकिन खुद जिला कलेक्टर ऐसे अपराधों को सह दे रहे हैं. अब सवाल यही उठता है कि क्या राजस्थान सरकार जिला कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करेगी?
जब इस मामले में अधिकारियों से जानकारी ली गई तो सभी इसमें एक ही लड़की की शादी होना बताया. अब सवाल ये हैं कि जब एक लड़की की शादी थी तो दो लड़कियों की शादी का कार्ड क्यों छपवाया गया. बताया गया है कि बाल कल्याण समिति ने जिला कलेक्टर से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. जब इस पूरे मामले को लेकर जिले के एसपी और कलेक्टर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया.