Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) जिले में पानी की बहुत बड़ी समस्या है. जिले में पीने के पानी के साथ ही सिंचाई के लिए भी किसान बरसात के सहारे ही हैं. भरतपुर जिले की विधानसभा डीग (Deeg Assembly) में पीने के पानी की समस्या को देखते हुए चार बार लगातार विधायक रहे कु.अरुण सिंह ने प्रतिज्ञा ली थी की जब तक डीग विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक में शादी नहीं करूंगा. 2005 तक डीग क्षेत्र में पानी समस्या का समाधान नहीं हुआ और 4 बार से लगातार विधायक कु.अरुण सिंह का वर्ष 2006 में देहान्त हो गया. विधायक की प्रतिज्ञा पूरी नहीं हुई .
डीग विधानसभा क्षेत्र में पानी की बहुत बड़ी समस्या है. पीने के पानी के लिए महिलाओं को दूर-दूर से कुओं से पानी भरकर लाना पड़ता था. डीग कस्बे में भी पीने के पानी के लिए हैंडपंप पर लम्बी कतार में लगकर पानी भरना पड़ता था. कई गावों में अभी भी पानी की समस्या बनी हुई है. महिलाओं को आज भी पीने का पानी कुंए से भरकर लाना पड़ता है. 2013 में भरतपुर जिले में धौलपुर जिले से चम्बल के पानी को लिफ्ट कर लाया गया था. 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर से डीग, नगर और कामां में भी चम्बल के पानी को पहुंचाने की घोषणा कर दी. 2013 के बाद बीजेपी की सरकार आने के बाद धीमी गति से कार्य हुआ, लेकिन अब चम्बल का पानी डीग विधानसभा क्षेत्र के डीग कस्बे सहित कई गांवों में भी पहुंच गया है.
डीग विधानसभा सीट पर पहली बार हुए 1952 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जुगल किशोर चतुर्वेदी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. उसके बाद 1957 में राजपरिवार के राजा मान सिंह विधायक रहे. 1962 से मास्टर आदित्येन्द्र विधायक रहे. 1967 से कांग्रेस के करन सिंह विधायक रहे. उसके बाद 1972 से लगातार राजा मान सिंह निर्दलीय विधायक रहे. उसके बाद राजा मान सिंह की बेटी कृष्णेन्द्र कौर दीपा दो बार लगातार डीग विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहीं.
उसके बाद लगातार राजपरिवार के ही कु. अरुण सिंह लगातार 2005 तक विधायक चुने गए. लोगों का प्यार देखकर ही उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी की जबतक क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक शादी नहीं करेंगे. 2005 तक क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ और उन्होंने शादी नहीं की. 2008 में परिसीमन के अनुसार डीग और कुम्हेर की एक ही विधानसभा सीट बना दी गई. 2008 के विधानसभा चुनाव में डॉ. दिगंबर सिंह ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद 2013 और 2018 के चुनाव में राजपरिवार के विश्वेन्द्र सिंह ने जीत दर्ज की. 2013 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
डीग में विकास को लगेंगे पंख
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश में 19 नये जिले बनाने की घोषणा में डीग को भी नया जिला बनाया गया है. डीग के जिला बनने से अब विकास को पंख लगेंगे. कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का कहना है कि उदाहरण के तौर पर दौसा को देख लीजिये. जब दौसा जिला नहीं था उस समय क्या था और अब जिला बनने के बाद कितना विकास हुआ है. उसी तरह अब डीग जिले का भी विकास तेज गति के साथ होगा.