Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में इसी वर्ष 2023 में विधानसभा का चुनाव होना है.  अब राजनीतिक पार्टियां और लोग चुनाव लड़ने के लिए अभी से ही अपना गणित बैठाने लगे है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर की 7 विधानसभा सीटों में से 2 सीट पर नदबई और नगर से  बहुजन समाज पार्टी की टिकिट पर चुनाव लड़ने वाले जोगिन्दर अवाना ओट वाजिब अली जीते थे.


उस समय राजस्थान में 6 विधायक बहुजन समाज पार्टी के जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन सभी 6 विधायकों ने बसपा सुप्रीमो मायावती को धोखा देकर कांग्रेस पार्टी में अपना विलय कर लिया था. सभी 6 विधायकों के द्वारा मायावती को धोखा देने से बहुजन समाज में काफी नाराजगी थी और उसी समय से बहुजन समाज के लोगों ने विधानसभा चुनाव 2023 में इन विधायकों को सबक सिखाने की ठान ली थी.


बहुजन समाज के लोगों को लुभाने की कोशिश 
विधायक जोगिन्दर अवाना को अब लग रहा है की नदबई क्षेत्र में जीत आसान नहीं है इसलिए विधायक बहुजन समाज के लोगों को लुभाने में लगे है. कल डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के कार्यक्रम में पहुंचे विधायक अवाना तो उन्होंने बहुजन समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा की अभी जिले की राजनीति बहुत गर्म है, पिछले 4 सालों से मैं अपने सीने में बहुत सारी चीजों को दफन कर बैठा हूं. कुछ लोग मुझे पचा नहीं पा रहे, मैंने सरकार और उनके उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया है की कुछ लोग मेरी हत्या करना चाहते हैं. 


उन्होंने कहा कि मुझे दुख है कि आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई मैंने लिखित में दिया है. मुझे इस बात की बहुत पीड़ा है और में डरता नहीं हूं. हम 5 भाई हैं, इसलिए में डरता नहीं हूं इस बहुजन समाज पार्टी के लिए आखिरी दम तक लड़ूंगा. शरीर में खून का एक - एक कतरा रहेगा जब तक लड़ूंगा, में किसी से डरने वाला नहीं हूं. जब में नोयडा  से चलता हूं तो सिर पर कफन बांध कर चलता हूं. मुझे चिंता नहीं है ऐसे लोगों को बताना चाहता हूँ की भूल जाएँ अगर एक जोगिंदर अवाना की हत्या होगी तो लाखों जोगिंदर अवाना आ जाएंगे.


नदबई का विकास पच नहीं रहा 
विधायक ने कहा की नदबई का विकास पच नहीं रहा जो विकास कार्य पिछले 40 सालों में नहीं हुए वह 4 सालों में करके दिखा दिए. चार लोग तरह -  तरह की बात करते हैं, बाबा साहब को कैसे भूल सकता है यह देश, बाबा साहब ने जो अधिकार आपको दिया है. पहले बैलेट का था अब बटन का है, उस बटन को दबाकर बता देना उन लोगों को की, जो ताकत हमें बाबा साहब ने दी है, बाबा साहब की मूर्ति को रोकना चाहते हो, बटन दबाकर बता देंगे जो ताकत बाबा साहब ने दी है.


मूर्ति स्थापना के बहाने बहुजन समाज को लुभाने की कोशिश 
विधायक द्वारा नदबई नगर पालिका की तरफ नदबई में तीन मूर्तियां लगवाई जा रहीं थी. जिसमें से बैलारा चौराहे पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति प्रस्तावित थी.  लेकिन स्थानीय लोग मांग करने लगे कि बैलारा चौराहा नदबई का मुख्य चौराहा है इसलिए बैलर चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगनी चाहिए . इसको लेकर जाट समाज के लोगों ने 8 अप्रैल को धरना शुरू कर दिया था उसके बाद कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने का आश्वाशन देकर धरना ख़त्म करवाया था और मूर्ति लगवाने के लिए 7 से 10 दिन का समय मांगा था.


3 दिन के बाद ही मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का बयान आया किबैलारा चौराहे पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति और डेहरा मोड़ पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाएगी . जिसके बाद नदबई में काफी विरोध शुरू हो गया और 12 अप्रैल की रात को नदबई जाने वाले रास्ते पर जगह-जगह आगजनी की घटना हुई और पुलिस पर पथराव हुआ. जिसके बाद प्रशासन ने मूर्ति लगाने का कार्यक्रम को स्थगित कर दिया. वहीं दूसरी तरफ मंत्री विश्वेद्र सिंह के बेटे नदबई पहुंचे और एक महापंचायत में भाग लेने के बाद बैलारा चौराहे पर लगे पिलर पर भूमि पूजन कर महाराजा सूरजमल की तस्वीर लगा दी. जिसके बाद प्रशासन ने पिलर को पूरी तरह से सील कर दिया है.


अब विधायक जोगिंदर सिंह अवाना बहुजन समाज के लोगों को लुभाने के लिए मूर्ति नहीं लगाने की बात कर रहे है. लोगों का कहना यह भी है की विधायक ने नदबई क्षेत्र में जातिवाद फ़ैलाने  का काम किया है. नदबई में आज तक कभी भी जातिवाद पर लड़ाई नहीं हुई है अभी अपने आपस में मिलजुल कर रहते है. लेकिन जब से विधायक अवाना जीत कर आया है  क्षेत्र में जाट - गुर्जर और अब जाट जाटव में अपड़ी भाईचारे को बिगड़ने का आरोप स्थानीय लोग लगा रहे है.   अब देखने वाली बात यही होगी की विधायक अवाना बहुजन समाज की वोटों को अपनी और खींच पायेगा या बहुजन समाज 2018 में जीत के बाद मायावती को जो धोखा दिया था उसका बदला लेगा.


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