Bharatpur Muharram Juloos: राजस्थान के भरतपुर में भी शनिवार (29 जुलाई) को मोहर्रम के अवसर पर मातमी धुन के साथ ताजिया निकाले गए. इस्लाम धर्म के अनुयायी मोहर्रम को गम और मातम का महीना मनाते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम को हिजरी का पहला महीना माना जाता है. मोहर्रम के मौके पर चांद रात से ही धार्मिक रस्में शुरू हो गई थी. इस माह में हजरत इमाम हुसैन ओर उनके अहले खानदान की शहादत हुई थी.
इस्लाम को बचाने के लिए हजरत इमाम हुसैन ने यजीद से जंग की थी. इस जंग में हुसैन का सारा खानदान शहीद हो गया. उन्हीं की याद में मुहर्रम में यह सभी रस्में अदा की जाती हैं. हुसैन की याद में मनाया जाने वाले मोहर्रम में शनिवार (29 जुलाई) को कई स्थानों से मातमी धुनों के साथ ताजिये निकाले गये. शहर के प्रमुख स्थानों जैसे पाई बाग, मछली मोहल्ला, गोपाल गढ़, ईदगाह कॉलोनी सहित दर्जनों स्थान से ताजिये निकाले गए. ताजियों को जुलूस मुख्य बाजारों से होते हुये ईदगाह पर जाकर सम्पन्न हुआ, जिन्हें कर्बला में दफन किया जायेगा.
देश भक्ति का जज्बा भी दिखा ताजिये में
इस बार मुहर्रम के मौके पर निकाले गए ताजिये में देशभक्ति का जज्बा भी देखने को मिला. तिरंगे के रंग में बनाया गया ताजिया और हाथ में तिरंगा लेकर चल रहे अकीदतमंदों ने जुलूस के दौरान देश के प्रति अपने मोहब्बत और देश भक्ति का जज्बा दर्शाया. कई जगहों पर तिरंगे के रंग में निकले इन ताजियों की लोगों में चर्चा का विषय रहा है. मुस्लिम समाज के युवा ढोल पीट कर प्रदर्शन कर रहे थे. इस जुलूस में मुस्लिम समाज के युवाओं और बुजुर्गों ने ताजिये की जुलूस में शामिल लोगों के लिये जगह-जगह मीठे पानी की प्याऊ, फल, खीर, खिचड़ी, आइसक्रीम, शिकंजी, कुल्फी, बिस्कुट के पैकेट के वितरण की व्यवस्था की गई. ताजिये के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किये गए थे. पुलिस विभाग द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था.
जुलूस के दौरान चप्पे-चप्पे पर रहा पुलिस का पहरा
ताजिये के जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजामात किये गए थे. सुबह से ही बाजार में ताजिया के मार्ग में पुलिस के जवान तैनात किये गए थे. ताजिया के निकलने के दौरान लगभग 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. शहर के सभी थानाधिकारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे. इसके अलावा एएसपी, सीओ सिटी सहित प्रशासनिक अधिकारी, उप जिलाधिकारी देवेंद्र परमार लगातार हालात का जाएजा ले रहे थे, कड़ी निगरानी के लिए सादी वर्दी में भी पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था. घोड़ा पुलिस भी लगाई गई थी जो हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे.
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