Bharatpur: पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश से खेतों में भरा पानी, सरसों की फसल में इस बार गिरावट की आशंका
पूर्वी राजस्थान में हुई भारी बरसात के कारण खेतों में पानी भर गया है इससे किसान चिंतित हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार लगभग 20 प्रतिशत सरसों की पैदावार कम होने की आशंका जताई गई है.
राजस्थान के भरतपुर जिले को सरसों उत्पादक जिला माना जाता है. भरतपुर जिले के किसान सरसों की पैदावार ज्यादा करते हैं और भरतपुर जिले से देश के कई राज्यों में सरसों और सरसों का तेल निर्यात किया जाता है. पूर्वी राजस्थान में पिछले दो दिन में हुई भारी बरसात के कारण खेतों में पानी भर गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. खेतों में शहर में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. भरतपुर जिले में हुई बरसात से किसान ज्यादा चिंतित हैं.
भरतपुर जिले के बड़े क्षेत्र में सरसों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रहा है. किसान पानी की कमी और सिंचाई के पानी के स्रोत नहीं होने के कारण सरसों की फसल पैदा करना पसंद करते हैं, लेकिन अक्टूबर माह के शुरू से सरसों की बुवाई शुरू हो जाती है. इस साल मानसून विदाई के साथ तेज बरसात होने से खेतों में पानी भर गया है. खेतों में पानी जमा होने से इस बार सरसों की बुवाई शुरू नहीं हुई है.
भरतपुर जिले में 2021 -22 में सरसों की बुवाई 2 लाख 89 हजार 634 हेक्टेयर की थी और 4 लाख 96 हजार 971 मीट्रिक टन सरसों की पैदावार हुई. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार सरसों बुवाई का रकवा बढ़ेगा और भरतपुर जिले में इस बार लगभग 3 लाख 10 हजार हैक्टेयर के आसपास सरसों की बुवाई किसान करेंगे. लेकिन सरसों की बुवाई लेट होने से पिछले साल के मुकाबले इस बार लगभग 20 प्रतिशत सरसों की पैदावार कम होगी.
विशेषज्ञों का कहना था कि अक्टूबर के शुरू में सरसों की बुवाई करने से फरवरी के लास्ट तक सरसों की फसल पक कर तैयार हो जाती है खेतों में पानी भरा होने के कारण अब अक्टूबर लास्ट में सरसों की फसल की बुवाई की जाएगी तो मार्च में फसल पक कर तैयार होगी उस समय फसल को चेम्पा नामक कीड़ा लगने का डर रहता है और तापमान बढ़ने से भी सरसों की क़्वालिटी अच्छी नहीं होती है. इसलिए किसान ज्यादा परेशान हैं.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार चना की फसल किसानों को लाभकारी रहेगी क्योंकि भरतपुर के कुछ इलाकों में चिकनी मिटटी होने के कारण खेतों में भरा पानी सूख नहीं पायेगा. मिटटी में नमी रहने से चने की फसल को ज्यादा फायदा होगा. भरतपुर में साल 2021 - 22 में किसानों द्वारा 1169 हेक्टेयर में चने की बुवाई की गई थी और 2093 मीट्रिक टन चना की पैदावार हुई थी.
जिले में 100 से ज्यादा ऑयल मिल संचालित
भरतपुर जिले में लगभग 125 ऑयल मिल संचालित है और इन ऑयल मीलों से देश के कई राज्यों में सरसों का तेल निर्यात किया जाता है. और लगभग 10 ,000 लोगों को रोजगार भी मिलता है. राजस्थान में लगभग 15 लाख मीट्रिक टन सरसों तेल का उत्पादन होता है. भरतपुर जिले में प्रतिदिन लगभग 4000 मीट्रिक टन सरसों की पिराई कर प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख मीट्रिक टन सरसों तेल का उत्पादन किया जाता है.
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