Bharatpur Saint Protest: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) जिले में पहाड़ियों से खनन बंद कराने की मांग पर साधु अड़े हुए हैं. डीग उपखंड के खोह थाना (Khoh Police Station) इलाके में पसोपा गांव के पास डेढ़ साल से खनन बंद कराने की मांग को लेकर साधुओं का आंदोलन जारी है. इस बीच बुधवार को विजय दास नाम के एक साधु ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. आग लगते देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़कर आग बुझाई और फिर जिला में भर्ती कराया है. फिलहाल साधु विजय दास की हालत गंभीर बनी हुई है.

 

दूसरी तरफ नारायण दास नाम के एक एक साधु के मोबाइल टॉवर पर चढ़े आज दूसरा दिन हो गया है. प्रशासन की समझाइश के बाद भी साधु टॉवर से नीचे आने को तैयार नहीं थे. वहीं साधु विजय दास के आग लगाने के बाद बाबा नारायण दास टॉवर से नीचे उतर आए हैं. साधुओं के आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने डीग, नगर, कामा, पहाड़ी और सीकरी तहसीलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है.

 

'कांग्रेस नेताओं को होगा भरी नुकसान'



साधु नारायण दास की मांग थी कि इलाके को वन क्षेत्र में घोषित करने और खनन बंद करने की लिखित में आदेश चाहिए, उसके बाद ही नीचे आने को तैयार होंगे. उन्होंने कहा था कि यदि सरकार साधुओं की बात मानती है तो खनन कार्य बंद हो जाएगी, जिससे कई कांग्रेस नेताओं को भरी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है. कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और साधुओं की दो दिन पहले सकारात्मक बातचीत हुई थी, मगर उसके दूसरे दिन सुबह साधु नारायण दास वहां लगे मोबाइल टॉवर पर चढ़ गए.

 


 

मौके पर 15 थाना प्रभारी तैनात 

 

बाबा नारायण दास को समझाने की कोशिश में अधिकारी और मंत्री जुटे हुए थे, मगर नतीजा फिलहाल शुन्य ही था. इसी दौरान एक दूसरे संत ने खुद को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद नारायण दास नीचे उतर आए. वहीं मौके पर सभी अधिकारी और करीब 15 थाना प्रभारी तैनात हैं. साधु-संतों की समझाइश की जा रही है. साधु बाबा नारायण दास के टॉवर पर चढ़ने के बाद संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने आदेश जारी करते हुए नेट सेवा को बंद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक बुधवार को कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और साधु-संतों के बीच फिर से बीतचीत हो सकती है.

 

कैबिनेट मंत्री बोले- साधु-संतों का रास्ता स्वीकार नहीं 

 

बताया जा रहा है कि वन क्षेत्र घोषित और खनन कार्य बंद करने का लिखित पत्र सरकार साधुओं को दे सकती है,  जिसके लिए साधु अड़े हुए हैं. कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह साधु-संतों के आंदोलन को खत्म करने के लिए और उनसे बातचीत करने के लिए 3 दिन से भरतपुर जिले में है. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का कहना है कि साधु-संतों की जो मांग थे, उनको हमने पूरा कर दिया है. हम उनको लिखित में चिट्ठी दे देने को तैयार है, लेकिन जिस तरह से साधु-संत गलत रास्ता अख्तियार कर रहे हैं, वह स्वीकार नहीं है. साधु-संत सरकार पर अनैतिक दबाव डाल रहे हैं, जब सरकार लिखित में चिट्ठी देने को तैयार है तो फिर संतों का गलत तरीके से आंदोलन करना सही नहीं है.