Bharatpur Keoladeo National Park: राजस्थान का पूर्वी द्वार भरतपुर पक्षियों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में लाखों देशी विदेशी पक्षी और हजारों वन्य जीव पाए जाते हैं. पक्षियों की अठखेलियों का दीदार करने विदेश से भी पर्यटक आते हैं. केवलादेव नेशनल पार्क की आबोहवा पक्षियों के साथ वन्यजीवों को भी रास आ रही है. गौरतलब है कि केवलादेव नेशनल पार्क मानसून में विदेशी पक्षियों का बसेरा हो जाता है.


प्रजनन के बाद अप्रैल माह में विदेशी पक्षी बच्चों को लेकर वतन की उड़ान भरते हैं. नवम्बर से मार्च तक पक्षियों की अठखेलियों का मौसम रहता है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देशानुसार वन्यजीवों की वाटर होल पद्धति से गणना की गई. वन्यजीवों की गिनती में 50 ट्रेप कैमरों की भी ली गयी. वन्य जीव गणना में 1 लेपर्ड, 450 से अधिक सियार, 30 लकड़बग्घा, 9 हॉग हिरन, 80 से ज्यादा जंगली सूअर, 20 से ज्यादा सेही, 650 से अधिक नीलगाय और लगभग 15 सांभर पाये गये हैं.


पक्षियों के साथ जंगली जानवरों को भी आई आबोहवा रास 


उपवन संरक्षक मानस सिंह ने बताया है कि विगत 23 मई को 24 घंटे लगातार वन्यजीवों की गणना का काम चला. गणना में कई तरह के वन्यजीव देखने को मिले हैं. केवलादेव नेशनल पार्क में 1 लेपर्ड, 450 जैकाल, हायना लगभग 30, हॉग डियर लगभग 9, जंगली सूअर 80 से ज्यादा, सेही 20 से अधिक, नीलगाय लगभग 650 और 15 सांभर की मौजूदगी का पता चला है. उन्होंने बताया कि वन्यजीवों की गणना का काम 23 मई को सुबह 8 बजे से शुरू होकर 24 मई सुबह 8 बजे तक समाप्त हुआ. 


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