Bharatpur Police Officer Suspended: राजस्थान के भरतपुर में थाना अधिकारी की एक महिला के साथ अश्लील फोटो वायरल मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. थाना अधिकारी को पद से बर्खास्त कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक की तरफ फोटो वायरल होने पर थानाधिकारी पर कार्रवाई की गई है. महिला के भाई ने थानाधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म करने और अश्लील वीडियो फोटो बनाकर वायरल करने का मामला दर्ज कराया था. थानाधिकारी उसी दिन से फरार चल रहा है.
पुलिस विभाग की तरफ से कई बार नोटिस देने के बावजूद थानाधिकारी हाजिर नहीं हुए और 3 महीने से फरार थानाधिकारी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है. जिसके बाद थानाधिकारी को पुलिस महानिरीक्षक रुपिंदर सिंह ने राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया.
महिला ने भाई ने थानाधिकारी पर दर्ज कराया रेप का मामला
आपको बता दें कि 25 सितंबर को डीग जिले के कैथवाड़ा थाने पर तैनात थाना प्रभारी कमरुद्दीन खान के एक महिला के साथ अश्लील फोटो वायरल हुए थे. महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में फोटो वायरल होने के बाद पीड़ित महिला के भाई ने दुष्कर्म करने और अश्लील वीडियो फोटो बनाकर वायरल करने की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके तुरंत बाद ही थानेदार कमरुद्दीन खान को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया था. उसी दिन से थानाधिकारी फरार चल रहा है और आज तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है.
शिकायत दर्ज कराने गई महिला से थानाधिकारी ने किया दुष्कर्म
जानकारी के अनुसार महिला शिकायत दर्ज कराना चाहती थी जिसे एक दलाल झांसा देकर शिकायत दर्ज करने के लिए कैथवाड़ा थाने ले गया था. जहां वह दलाल उस महिला को थाना परिसर में स्थित थाना प्रभारी के सरकारी आवास पर ले गया. जहां दलाल ने थाना प्रभारी कमरुद्दीन खान ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और अश्लील फोटो खींचकर वायरल कर दिए. पीड़ित महिला के भाई ने कैथवाड़ा थाने में थाना प्रभारी और दलाल के खिलाफ दुष्कर्म करने और अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की शिकायत दर्ज कराई.
महानिरीक्षक ने किया थानाधिकारी को बर्खास्त
भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रूपेंद्र सिंह ने आदेश जारी कर फरार सब इंस्पेक्टर कमरुद्दीन खान को राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है. कमरुद्दीन खान कैथवाड़ा थाने पर थानाधिकारी के रूप में तैनात था. राजस्थान पुलिस में उपनिरीक्षक के जिम्मेदार पद पर रहते हुए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर अनैतिक कार्य व सरकारी आवास का दुरुपयोग एवं दुराचरण जैसे कार्यों को सेवा आचरणों के विपरीत मानते हुए उसे राज्य सेवा से बर्खास्त किया गया है.