Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) जिले के नदबई कस्बे में मूर्ति स्थापना को लेकर  12 अप्रैल की रात को बैलारा चौराहे पर उपद्रव हो गया था. कुछ युवकों ने सड़क पर आगजनी करके जाम लगाने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव भी कर दिया. 13 अप्रैल को कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह (Anirudh Singh) ने कुछ युवाओं के साथ बैलारा चौराहे पर बनाए गए पिलर पर महाराजा सूरजमल का चित्र लगा दिया था. नदबई पुलिस ने शुक्रवार को अनिरुद्ध सिंह समेत करीब 250 लोगों के खिलाफ पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने और भरतपुर में हिंसा भड़काने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया है.


पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में लिखा है गया है कि 13 अप्रैल को बैलारा चौराहे पर डॉ. भीमराव की प्रतिमा लगाना प्रस्तावित था लेकिन 12 अप्रैल को बैलारा चौराहे पर मूर्ति अनावरण को लेकर उपद्रव हो गया था इसलिए वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया था. कैबिनेट मंत्री के बेटे अनिरुद्ध सिंह वहां पर लगभग 200 - 250 लोगों के साथ पहुंचे और उन्होंने पुलिस वालों के साथ दुर्व्यव्हार किया. पुलिसकर्मियों को धक्का दिया और दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा करने के लिए वहां बनाये गये पिलर पर महाराजा सूरजमल की तस्वीर लगा दी जिस दौरान समुदाय विशेष के खिलाफ नारेबाजी भी की गई थी.
पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर नदबई के सीओ नीतिराज को जांच अधिकारी बनाया गया है.


अनिरुद्ध ने पिता पर लगाया गंभीर आरोप
12 अप्रैल को मूर्ति स्थापना को लेकर हुए उपद्रव को देखते हुए जिला प्रशासन ने मूर्ति स्थापना कार्यक्रम को निरस्त कर दिया है. पुलिस ने 12 अप्रैल को रात को उपद्रव करने वाले 7 आरोपियों गिरफ्तार किया है और उन्हें अदालत में पेश किया गया.  जानकारी के अनुसार नदबई कस्बे में नगर पालिका द्वारा तीन चौराहों पर मूर्ति लगाने का प्रस्ताव पारित किया था जिसमे महाराजा सूरजमल, डॉ. भीमराव अम्बेडकर और भगवान परशुराम की मूर्ति लगानी थी लेकिन जिस जगह डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति लगा रहे थे उस जगह जाट समुदाय के लोग महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाना चाहते थे. इसी बात को लेकर विवाद की स्थिति बन गई. अनिरुद्ध सिंह ने इसके बाद अपने पिता पर हमला करते हुए ट्वीट भी किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता उन्हें जेल में डालना चाहते हैं.


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