Bharatpur News: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) जिले के नदबई तहसील के अरौदा गांव के पास पिछले 10 दिन से जयपुर - आगरा नेशनल हाईवे (Jaipur Agra National Highway) पर सैनी, माली, और कुशवाहा समाज चक्का जाम आन्दोलन कर रहा है. आंदोलनकारियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बीच विगत 25 अप्रैल को जयपुर में हुई बातचीत सफल रही थी. मगर उसी दिन मोहन सिंह सैनी नामक प्रदर्शनकारी ने आंदोलन स्थल के पास फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद  आंदोलनकारियों ने अपने आंदोलन को जारी रखने की घोषणा कर दी.


साथ ही आंदोलनकारियों ने  मृतक मोहन सिंह के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता और परिवार में एक सरकारी नौकरी के साथ उसको शहीद का दर्जा देने की मांग भी की थी. मोहन सिंह सैनी की उम्र करीब 48 साल थी. वो आंदोलन स्थल से कुछ दूरी पर पेड़ के फंदे से लटका हुआ मिला था. पुलिस ने मोहन सिंह के शव को उसी दिन जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था. मगर आंदोलनकारी और परिजन शव को लेने से इंकार कर रहे थे. आंदोलनकारियों कह रहे थे कि  जब तक मोहन सिंह सैनी के परिवार को 1 करोड़ और सरकारी नौकरी नहीं मिलती है, तब तक ना तो शव को लेंगे और ना ही आंदोलन खत्म करेंगे.


परिजनों को नहीं दिया शव
मृतक मोहन सिंह के शव का पोस्टमार्टम कराने और उसका अंतिम संस्कार करने के लिए प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच रोजाना बातचीत चलती रही. मगर ये सफल नहीं हो सकी. वहीं 28 अप्रैल को देर रात परिजनों ने पोस्टमार्टम करा दिया मगर उसके बाद शव लेने से इनकार कर दिया. 29 अप्रैल शनिवार को मोहन सिंह के परिजन और आंदोलनकारी शव को लेने और अंतिम संस्कार करने पर सहमत हो गए. वहीं, पुलिस प्रशासन को शक था कि कहीं आंदोलनकारी मोहन सिंह के शव को आंदोलन स्थल पर रखकर प्रदर्शन न करें. इसके चलते प्रशासन ने मोहन सिंह का शव परिजनों को शव नहीं दिया.
 
आंदोलन है जारी
इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने शनिवार देर  रात परिजनों को बुलाया और पुलिस की सुरक्षा में  मृतक मोहन सिंह के शव को लेकर उसके गांव पहुंचे. इसके बाद और शव का अंतिम संस्कार देर रात करीब 12:00 बजे कराया गया. अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस और प्रशासन के सभी बड़े अधिकारी और टीम मौजूद रही.  


वहीं आंदोलनकारियों का आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओबीसी कमिशन को पत्र लिखा है. इसके बाद सैनी समाज को ओबीसी कमीशन के अध्यक्ष से मिलने के लिए 1 मई का समय दिया गया है. आदोंलनकारियों ने इस पर कहा कि जब तक ओबीसी आयोग के अध्यक्ष से आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों की मुलाकात नहीं होगी. तब तक जयपुर -आगरा नेशनल हाईवे पर आंदोलन जारी रहेगा.


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