Bharatpur: संत रविदास आश्रम में तोड़फोड़ के बाद रैगर समाज का हंगामा, जानिए क्या है मामला?
Bharatpur: भरतपुर निगम अमले को रैगर समाज के लोगों की तरफ से विरोध का सामना करना पड़ा. सरकार की मंशा के अनुरूप संत रविदास आश्रम में निगम प्रशासन जनता क्लीनिक खोलना चाहता है.
Bharatpur News: भरतपुर जिले में आज संत रविदास आश्रम (Ravidas Ashram) को तोड़ने पर रैगर समाज (Ragger Community) के लोगों ने हंगामा कर दिया. रैगर मोहल्ला स्थित संत रविदास आश्रम में राजस्थान सरकार जनता क्लीनिक खोलने जा रही है. नगर निगम प्रशासन ने संत रविदास आश्रम के मेन गेट को तोड़ दिया गया.
संत रविदास आश्रम में तोड़फोड़ से विवाद खड़ा हो गया. निगम की कार्रवाई के विरोध में रैगर समाज ने मोर्चा संभाल लिया. रैगर समाज के लोगों का कहना है कि मोहल्ला में संत रविदास आश्रम आस्था का प्रतीक है. नगर निगम प्रशासन आश्रम को तोड़कर अस्पताल बना रहा है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि ऐसा हम होने नहीं देंगे.
संत रविदास आश्रम में तोड़फोड़ करने पर हंगामा
नगर निगम प्रशासन जेसीबी मशीन लेकर संत रविदास आश्रम को तोड़ने पहुंचा था. रैगर समाज के लोगों ने निगम दस्ते की कार्रवाई का विरोध किया. नगर निगम प्रशासन का कहना है कि संत रविदास आश्रम की जगह नगर निगम में आती है. इसलिए सरकार की मंशा है कि लोगों की सुविधा के लिए आश्रम में जनता क्लीनिक खोली जाए. संत रविदास आश्रम में संत रविदास का एक छोटा मंदिर भी बना हुआ है. रैगर समाज के लोग मंदिर में पूजा करने जाते हैं. अब राज्य सरकार के आदेश पर नगर निगम प्रशासन आश्रम में जनता क्लीनिक खोलने जा रहा है.
रैगर समाज के लोगों ने बताया आस्था से खिलवाड़
रैगर समाज के लोग संत रविदास आश्रम में जनता क्लिनिक खोलने का विरोध कर रहे हैं. भरतपुर नगर निगम के आयुक्त अखिलेश पिपल ने बताया कि संत रविदास आश्रम नगर निगम के क्षेत्र में आता है और राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जनता क्लीनिक बनाई जा रही है. स्थानीय लोगों का विरोध है कि आश्रम में मंदिर बना हुआ है. उन्होंने सफाई दी कि मंदिर के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है. प्रदर्शनकारियों को समझाइश की जा रही है. आश्रम में जनता क्लीनिक खोले जाने का विरोध कर रहे लोगों के पास जगह का कोई दस्तावेज नहीं है. जनता क्लीनिक के खुलने से लोगों को फायदा होगा. इसलिए क्लीनिक का निर्माण किया जा रहा है. गौतलब है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंदिर तोड़ने के विवाद पहले भी आते रहे हैं.