Bharatpur Rain News: राजस्थान के भरतपुर जिले में सर्दी के आगाज के साथ आसमान से हो रही बरसात किसानों के लिए सोने की बूंदों से कम नहीं है. ये बारिश से गेहूं और सरसों की फसल के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है. भरतपुर जिले में सिंचाई के लिए बारिश का पानी एकमात्र साधन है. जिले में अधिकांश क्षेत्र में जमीनी पानी खराब है और किसान बारिश के पानी के सहारे फसल की पैदावार करते हैं. इस बार जिले 8 एमएम बारिश हुई है, मौसम विभाग ने अभी दो दिन तक और बारिश होने की संभावना जताई है.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि भरतपुर जिले में रवि की फसल में गेंहू, जौ, चना और सरसों की बुवाई होती है, लेकिन सरसों और गेहूं की बुवाई अधिक होती है. भरतपुर जिले में लगभग 2 लाख 50 हजार 630 हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है और 97 हजार 290 हेक्टेयर में गेंहू के फसल की बुवाई हुई है. इसके अलावा जौ की फसल लगभग 1100 हेक्टेयर में और चना की फसल की लगभग 2200 हेक्टेयर में बुवाई की गई है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, बुवाई के बाद अब समय गेंहू और सरसों के फसलों की सिंचाई का है. ऐसे में बरसात का पानी अमृत के समान माना जा रहा है.
मावठ से किसानों के चेहरों पर खुशी
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, अब खेतों में लगाई गई फसलों के बढ़ने का समय है और ऐसे समय में आदर्श मात्रा में बारिश के पानी फसलों की वृद्धि में अहम भूमिका अदा करते हैं. बारिश के पानी से गेहूं और सरसों की फसलों पर लगी धूल मिट्टी भी हट जाती है, जिससे पौधों की सफाई हो जाती है. पौधों की पत्तियों पर लगी धूल मिट्टी के हटने पौधों को भोजन अच्छा मिलता है, जिससे उनके तेजी से बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. सर्दी के मौसम में होने वाली बरसात को मावठ के नाम से भी जाना जाता है. मावठ पड़ने से किसानों के चेहरे पर खुशी झलक रही है और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश से किसानों को लाखों रूपये की बचत हुई है, ये किसानों के लिए आसमान से सोना बरसने के समान है.
किसानों को होगी लाखों रुपये की बचत
मौसम विभाग ने भरतपुर में अगले दो से तीन दिन आसमान में बादल छाए रहने की संभावना जताई है और इस दौरान बारिश होने के भी आसार व्यक्त किये हैं. सही वक्त पर बारिश होने से जहां एक तरफ फसलों को काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है, दूसरी तरफ मावठ पड़ने से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए लाखों रुपये के डीजल और बिजली पर होने वाला खर्च बच गया. जिले में हो रही बारिश को लेकर कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि धीरे-धीरे हो रही बूंदाबांदी एक तरह से ड्रिप सिंचाई का काम कर रही है, इससे फसलों को काफी फायदा होगा.
बारिश से तापमान में गिरावट
भरतपुर जिले में आसमान में बादल छाय रहने से और बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. नवंबर के आखिरी हफ्ते में ही लोगों को सर्दी क एहसास होने लगा है. लोग ठंडक से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे हैं, तो शादियों वाले घरों में बरसात से अव्यवस्था भी देखने को मिली है. भरतपुर जिले में दो तीन दिन बादल छाए रहने और हल्की बरसात होने की सम्भावना है. उसके बाद ठंडक के साथ कोहरा पड़ने की सम्भावना भी बढ़ जाएगी.
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