Rajasthan Water Crisis: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) में भी ऑल राजस्थान पीएचईडी कॉन्ट्रैक्टर यूनियन (All Rajasthan PHED Contractor Union) भरतपुर द्धारा संभाग मुख्यालय पर तीन दिन से दिए जा रहे धरने को लेकर आज सभी भरतपुर के कॉन्ट्रैक्टरों ने जन स्वास्थ्य विभाग भरतपुर के मुख्य अभियंता को ज्ञापन सौंपा जिसमें 1 मई को भरतपुर संभाग के सभी कॉन्ट्रैक्टरों द्धारा भरतपुर जिला सहित ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही पेयजल सप्लाई को बंद किया जाएगा.


बंद होगी पानी सप्लाई
इसके तहत ग्रामीण पेयजल योजना में ओ एण्ड एम स्कीम में आने वाले हजारों लोगों को 1 मई से पानी की सप्लाई करना बंद कर दी जाएगी. साथ ही टैंकरों द्धारा पानी की सप्लाई भी रोकी जाएगी. इससे भरतपुर के लगभग 100 गांव प्रभावित होंगे और 50 हजार लोगों को पानी नहीं मिल सकेगा. इस भीषण गर्मी के दौर में पानी की समस्या गहरा रही है. इस बीच अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिन से कॉन्ट्रैक्टर द्धारा संभाग मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.  


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यूनियन के संरक्षक ने क्या कहा
ऑल राजस्थान पीएचईडी कॉन्ट्रैक्टर यूनियन भरतपुर संभाग के संरक्षक मुकेश उसरानी ने बताया कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले तीन दिन से संभाग मुख्यालयों पर धरना दिया जा रहा  है. अभी तक प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है. मजबूरी में हम  संभाग के ग्रामीण जल योजनाएं जो ओ एण्ड एम के तहत चल रही हैं की सम्पूर्ण पेयजल सप्लाई को 1 मई से बंद कर रहे हैं. साथ ही टैंकर सप्लाई , लीकेज वर्क भी बंद की जा रही है . इसके लिए जलदाय विभाग और प्रशासन जिम्मेदार होगा.


मांगें पूरी नहीं होने तक धरना
मुकेश उसरानी ने बताया कि जो निर्माण कार्य जेजेएम के तहत चल रहे हैं वे सारे बंद हैं. पेयजल योजना 1 मई से बंद कर रहे हैं. इसमें तकरीबन 100 गांव आते हैं जो प्रभावित होंगे. यहां 40-50 हजार के करीब लोग रहते हैं. सभी को पानी की समस्या से रूबरू होना पडेगा. भरतपुर में सरकार की 80 प्रतिशत योजना चल रही थी वो बंद कर दी गई है. 1 मई से जितनी भी योजना कॉन्ट्रैक्टरों द्धारा चलाई जा रही है उनकों बंद कद दिया जाएगा और टैंकर सप्लाई, लीकेज वर्क को भी बंद किया जाएगा. 
जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. यह धरना अनिश्चित कालीन चलाया जाएगा.


क्या कहना है कॉन्ट्रैक्टरों का
प्रदेश में गर्मी के चलते पानी की किल्लत तो रहती ही है लेकिन अब बिजली कटौती ने भी कोढ़ में खाज का काम किया है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती 6 घण्टे हो रही है. कॉन्ट्रैक्टरों का कहना है की पाइप, सरिया, गिट्टी, आदि वस्तुएं बाजार में महंगी मिल रही हैं. बाजार में बढ़ी हुई कीमतों को लेकर सभी ठेकेदारों को काम करने में परेशानी हो रही है. सरकार द्वारा हमें जो कीमत दी जा रही है वो काफी कम है. सरकार से मांग है कि बाजार की कीमतों का आकलन करवाकर ठेकेदारों का पैसा बढ़ाया जाए.


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