Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) में नगर और पहाड़ी तहसीलों में स्थित पहाड़ियों पर हो रहे खनन कार्यों को बंद कराने के लिए साधू-संतों का धरना लगभग 550 दिनों के बाद  खत्म हो गया है. साधू-संतों का धरना डीग उपखण्ड के खोह थाना क्षेत्र के पसोपा गांव में लगभग 550 दिन से चल रहा था. इसी बीच बाबा हरि बोल दास ने 19 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की चेतावनी दे दी थी मगर 18 जुलाई को कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह (Cabinet Minister Vishvendra Singh) और साधू-संतों के बीच सकारात्मक वार्ता हुई. 


किया आत्मदाह का प्रयास
वार्ता के दूसरे दिन 19 जुलाई को एक संत नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गया था. बुधवार को वहां मौजूद एक संत विजय दास ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली. आत्मदाह में घायल संत विजय दास को जिला अस्पताल आरबीएम में भर्ती कराया गया जहां से हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया. बताया जा रहा है कि आग लगाने के बाद संत विजय दास करीब 80 प्रतिशत जल गया है. 




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साधुओं ने किया धरना समाप्त 
कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और साधू-संतों के बीच वार्ता सकारात्मक रही. साधुओं को उनकी मांगे मानने का  लिखित में पत्र दिया गया जिसके बाद साधू-संतों ने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी. साधू संतों की मांग थी कि बृज के इन क्षेत्रों से खनन कार्य बंद हो और इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित किया जाए. राजस्थान सरकार ने साधू-संतों की दोनों मांगों को मान लिया और आश्वासन दिया कि 2 महीने के अंदर इन मांगों की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी. साधू-संत चाहते थे कि सरकार द्वारा लिखित में उनकी मांगों को पूरी करने का आश्वासन देकर चिट्ठी लिखकर दी जाये. उनकी बात मानते हुए सरकार की तरफ से साधुओं की लिखित में चिट्टी दी गयी.




क्या कहना है साधू-संतों का
दरअसल साधू-संतों का कहना है कि नगर और पहाड़ी इलाके के सभी पहाड़िया बृज क्षेत्र का हिस्सा है जो भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली रही है इसलिए धार्मिक महत्व की इन सभी पहाड़ियों से खनन कार्य को बंद किया जाए. खास बात यह देखने को मिली कि हिंदुत्व की बात करने वाली बीजेपी पार्टी के नेता साधू-संतों का साथ देने नहीं पहुंचे थे. हालांकि बुधवार को जब साधू-संतों का धरना समाप्त हो गया तो उसके बाद भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली मौके पर पहुंची थीं. 




मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने क्या कहा
मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री के निर्देश पर मैं साधू-संतों से वार्ता करने आया और हमारी वार्ता सकारात्मक रही. हमारी सरकार ने साधू-संतों को आश्वासन दिया था कि आपकी सभी मांगें पूरी की जाएंगी मगर उसके बावजूद भी एक साधू मोबाइल टावर पर चढ़ गया और दूसरे में आत्मदाह का प्रयास किया जो गलत है. साधू-संतों की दो मांग थी जिनको पूरा कर लिया गया है और यह सभी मांग 2 महीने के अंदर पूरी कर ली जाएंगी. आज साधू-संतों का धरना समाप्त हो गया है. 


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