भरतपुर के RBM और जनाना अस्पताल के निजी कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, जानें क्या है वजह?
Health Workers Strike in Bharatpur: भरतपुर के दो सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार आरबीएम और जनाना अस्तपताल के निजी कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार कर दिया है. इसकी वजह से अस्पताल में काम ठप पड़ गया.
Bharatpur News Today: राजस्थान के भरतपुर संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल और जनाना अस्पताल के सैकड़ों कर्मचारियों ने आज रविवार (15 सितंबर) प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है.
अस्पताल के इन कर्मचारियों में ट्राली पुलर, कंप्यूटर ऑपरेटर, फार्मासिस्ट सहित अन्य विभाग के कर्मचारी शामिल थे. विरोध प्रदर्शन करने वाले निजी कर्मचारियों ने प्लेसमेंट एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाए.
इन कर्मचारियों का आरोप है कि जिले के आरबीएम और जनाना अस्पताल में नई प्लेसमेंट एजेंसी को कार्य निष्पादन कराने ठेका मिला है, ये प्लेसमेंट एजेंसी सभी कर्मचारियों से दो हजार रुपये देने का दबाव बना रही है.
नई प्लेसमेंट एजेंसी मांग रही है पैसे
कर्मचारियों का आरोप है कि एजेंसी के जरिये उन्हें कथित धमकी दी जा रही है कि अगर पैसा जमा नहीं करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा.
निजी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सिर्फ 7 हजार रुपये महीने सैलरी मिलती है, ऐसे में वह 2 हजार रुपये कहां से लायें. दूसरी तरफ कुछ कर्मचारियों का कहना था कि उनसे डबल शिफ्ट कराई जाती है.
संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल में हजारों की संख्या में रोजाना मरीज आते हैं, जबकि सैकड़ों की संख्या में हर समय अस्पताल के अंदर मरीज इलाज के लिए भर्ती रहते हैं.
निजी कर्मचारी सालों से कर रहे हैं काम
जिनकी साफ- सफाई, बेड के बिस्तर की सफाई और स्ट्रेचर को खींचने सहित सभी तरह के काम अस्पताल में यही निजी कर्मचारी करते हैं. अस्पताल में कार्य करने वाले यह निजी कर्मचारी एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए कई सालों से काम कर रहे हैं.
निजी कर्मचारियों का प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार के ऐलान को देखते हुए अस्पताल के अधिकारी उनको समझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
निजी कर्मचारियों ने लगाए ये आरोप
विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि वह सब काफी समय से प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये अस्पताल में काम कर रहे हैं. इस बार अस्पताल के लिए एक नई प्लेसमेंट एजेंसी को ठेका मिला है.
नया ठेकेदार हर कर्मचारी से दो हजार रुपये वसूलने के लिए दबाव बना रहा है. निजी कर्मचारियों का आरोप है कि उनसे एक दिन में डबल शिफ्ट कराई जा रही है और उनका शोषण किया जा रहा है. मजबूर होकर उनको कार्य बहिष्कार करना पड़ा.
'मामले का जल्द होगा समाधान'
जिला आरबीएम अस्पताल के नर्सिंग अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि नई प्लेसमेंट एजेंसी को अस्पताल में कर्मचारी लगाने का टेंडर मिला है. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर सहित अस्पताल के अधिकारियों के संज्ञान में लाकर इस पूरे मामले का जल्द ही समाधान किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: नशाखोरी के खिलाफ बाड़मेर पुलिस का ऑपरेशन 'म्याऊं म्याऊं', 49 नशाखोर दस्तयाब, अफीम का दूध भी बरामद