Bharatpur News: भरतपुर में मजदूरों को नहीं मिल रही मेहनत की कमाई, ठेकेदार की शिकायत करने से भी लग रहा डर
राजस्थान के भरतपुर संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल में ठेकेदार द्वारा ट्रॉली पुलर और गार्ड को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है. गहलोत सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी 6,734 रुपये निर्धारित है.
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Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने एक जुलाई 2021 से मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तीन वर्गों में लागू की है. जिसमें अकुशल,अर्द्धकुशल और कुशल मजदूरों के लिए अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी तय की गई है. अकुशल मजदूर को 6,734 रुपये, अर्द्धकुशल को 7,046 रुपये और कुशल को 7,358 रुपये सरकार की सभी संस्थाओं में, चाहे वो किसी ठेकेदार द्वारा लगाए गए मजदूर हो या किसी संस्था के द्वारा लगाए गए मजदूर हो, न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से ही उनको भुगतान किया जायेगा.
मजदूरों को नहीं दिए जा रहे पैसे
भरतपुर संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल में ठेकेदार द्वारा जो ट्रॉली पुलर और गार्ड लगाए गए हैं, सभी अकुशल लगाए गए हैं और अकुशल मजदूर को सरकार द्वारा 6,734 रुपये न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करना लागु किया है, लेकिन भरतपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में ट्राली पुलर को सरकार द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता है. जिससे मजदूरों का शोषण हो रहा है. अस्पताल में ट्रॉली पुलर का कार्य कर रहे मजदूर चाहे महिला हो या पुरुष का शोषण हो रहा है. किसी मजदूर को 4,500, किसी को 4,800 रुपये का भुगतान दिया जा रहा है, जबकि उनको कम से कम पीएफ काटकर 5,900 रुपये का भुगतान करना चाहिए.
ट्रॉली पुलर को नहीं मिल रहे है पूरे पैसे
कई ट्रॉली पुलर ने बताया कि साहब अस्पताल में मजदूरों का शोषण हो रहा है. यहां मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती है. सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी 6,734 रुपये निर्धारित है. जिसमे से पीएफ 12 प्रतिशत काट कर नगद ट्राली पुलर को मिलना चाहिए, लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 4,500 और किसी को 4,800 रुपये प्रतिमाह देकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. गरीब मजदूरों का कहना था कि अगर इनका शिकायत करेंगे तो ठेकेदार हमको काम से हटा देगा. इसी के डर से कहीं शिकायत नहीं करते है.
क्या कहना है प्रमुख चिकित्सा अधिकारी का
प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ. जिज्ञासा साहनी ने कहा कि हम पूरा भुगतान ठेकेदार को करते हैं, अगर ठेकेदार मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं दे रहा तो इसकी शिकायत मजदूरों को करनी चाहिए थी. किसी भी ट्रॉली पुलर ने आकर शिकायत नहीं की है. अब ठेकेदार का ठेका नवंबर में समाप्त हो रहा है. अब जो भी ठेकेदार आएगा उससे सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी मजदूरों को दिलाई जायेगी.
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