भरतपुर के पूर्व राजपरिवार में करोड़ों के गहने की चोरी! पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पत्नी-बेटे पर दर्ज कराई FIR
Bharatpur News: भरतपुर के पूर्व राजपरिवार में कलह थमती नजर नहीं आ रही है. अब मामला थाने की दहलीज तक पहुंच गया है. पूर्व और महाराजा और पूर्व मंत्री ने मुकदमा दर्ज कराया है.
Rajasthan News: भरतपुर के पूर्व राजपरिवार की कलह थमते नजर नहीं आ रही है. अब पारिवारिक लड़ाई थाने की दहलीज तक पहुंच गयी है. पूर्व महाराजा और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पत्नी और बेटे के खिलाफ 10 किलो सोना और करोड़ों का जवाहरात चोरी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने शुक्रवार को मथुरा गेट थाने में पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह पर मुकदमा दर्ज कराया है. विश्वेन्द्र सिंह ने बताया है कि 2 अप्रैल 2011 को जयपुर के मोहित ज्वेलर्स से 10 किलो सोना खरीदा था.
भरतपुर में सोने को सुरक्षित रखने की समुचित व्यवस्था नहीं थी. इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से सोना और कीमती पुश्तैनी जेवरात नई दिल्ली वॉल्ट लिमिटेड, डी-70, डिफेंस कॉलोनी के लॉकर संख्या 1402 में रख दिया. जानकारी के अनुसार बैंक लॉकर ज्वाइंट है. लॉकर पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह, पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह के नाम से खोला गया था. वर्ष 2019 तक लॉकर में रखा सोना और कीमती जेवरात बिलकुल सुरक्षित थे. 2020 में पूर्व महाराजा विश्वेंद्र सिंह का पत्नी और पुत्र से विवाद हो गया.
थाने की दहलीज तक पहुंचा भरतपुर के पूर्व राजपरिवार का विवाद
आरोप है कि पत्नी और पुत्र ने पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को मारपीट कर महल से बाहर निकाल दिया. पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बताया कि दिव्या सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने वर्ष 2020 से वर्ष 2024 के बीच लॉकर को 16 बार खोला गया था. उन्होंने दावा किया कि बिना अनुमति लॉकर से बेशकीमती सामान निकाल लिये गये. अब 23 अप्रैल 2024 से लॉकर बंद है. आरोप है कि लॉकर ऑपरेट करते समय विश्वेंद्र सिंह से सहमति नहीं ली गयी. 10 किलो सोना और पुश्तैनी जवाहरात की कीमत आज करोड़ों रुपये में है.
पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पत्नी और बेटे पर दर्ज कराया चोरी का केस
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि भरतपुर रॉयल फैमिली रिलिजियस एवं सेरेमोनियल ट्रस्ट की सदस्यता से पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने त्यागपत्र दे दिया था. इसलिए उनकी ट्रस्ट की सदस्यता 19 मार्च 2024 को समाप्त हो चुकी है. बता दें कि भरतपुर राजघराने का पारिवारिक झगड़ा काफी समय से चल रहा है. पूर्व महाराजा और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भरण-पोषण का एसडीएम कोर्ट में दावा कर रखा है.
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