Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले के वैर में स्थित प्रताप दुर्ग और सफेद महल सरकार और पुरातत्व विभाग की अनदेखी के कारण खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. महल की क्यारियों में कभी केसर की महक रहती थी, लेकिन आज के इन क्यारियों में झाड़ियां उगी हुई है और वैर का सफेद महल आज के समय में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
भरतपुर के महाराजा बदन सिंह के 26 पुत्र थे. जिनमें सूरजमल को भरतपुर और प्रताप सिंह को वैर की गद्दी का वारिस बनाया. सन 1726 ई0 में बदन सिंह ने अपने पुत्र प्रताप सिंह के लिए वैर का किला बनवाया. जो कि बहुत सुदृढ, भव्य और सुरक्षित किला है. यह जमीन से 70 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. जिसमें 8 बुर्ज, जनाना, महल, ब्रज दूल्है मन्दिर, जाल का कुआं, राजा की कचहरी, दरवाजे के पास घुडसा, कांच का महल, एक बाराहदरी औरदो कुण्ड स्थित है.
इसी के साथ किले के चारों ओर प्रताप नहर जिसे प्रताप गंगा भी कहते हैं, बनवाई गई और नौलखा बाग, फूलवाडी, इसमे बना हुआ सफेद महल और लाल महल किले की पश्चिमी दिशा में बनवाए. नगर की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मिट्टी की चारदीवारी और पांच दरवाजे बनाए गए. जिनका नाम यथा बयाना दरवाजा, भुसावर दरवाजा, भरतपुर दरवाजा, सीता दरवाजा और कुम्हेर दरवाजा रखा. सिंचाई और जल की व्यवस्था हेतु उत्तर और दक्षिण दिशा में दो बावड़ियां बनाई गई थी. वैर का किला रियासत काल में कस्बे का सबसे सुंदर स्थान हुआ करता था, लेकिन अब जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग और राज्य सरकार द्वारा महल के रखरखाव नहीं करने से इसका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है. कई बार स्थानीय लोगों की शिकायत के बाबजूद पुरातत्व विभाग के द्वारा कोई सुध नहीं ली जा रही.
कभी होती थी केसर की क्यारियां
भरतपुर के वैर कस्बे में ऐतिहासिक सफेद महल स्थित है. जिसके आस-पास फुलवारी और पक्के चुने की रियासत कालीन क्यारियां बनी हुई है. इन क्यारियों में कभी केसर की महक रहती थी, लेकिन आज के इन क्यारियों में झाड़ियां उगी हुई है और वैर का सफेद महल आज के समय में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
बीजेपी की सरकार ने की थी बजट की घोषणा
बीजेपी की सरकार में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने प्रताप महल और सफ़ेद महल के रखरखाव और मरम्मत के लिए बजट भी दिया था. उस समय महल का रंग का काम और कुछ मरम्मत भी कराइ गई थी. वसुंधरा राजे वैर के सफ़ेद महल को पर्यटन से जोड़ना चाहती थी. वसुंधरा राजे वैर के महल को सुन्दर बनाकर पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही वैर के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराना था, लेकिन बीजेपी की सरकार जाने के बाद वैर के महल को पर्यटन से जोड़ने की स्कीम ठन्डे बस्ते में चली गई .
यहां पर्यटकों के लिए क्या है खास?
स्थानीय लोगों का कहना है की वैर के इस महल में आज भी पर्यटकों के लिए जिसमें 8 बुर्ज, जनाना, महल, ब्रज दूल्है मन्दिर, जाल का कुआं, राजा की कचहरी, दरवाजे के पास घुडसा, कांच का महल, एक बाराहदरी और दो कुण्ड स्थित है. जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. राजा प्रताप सिंह के महल के पश्चिम दिशा की ओर सफेद महल और 20-21 बीघा जमीन पर फुलवारी का निर्माण भी करवाया था.
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