Bharatpur News: सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, गंदगी से शहरवासी परेशान, बीमारी फैलने का खतरा
Bharatpur Sanitation Workers: भरतपुर के नगर निगम के 40 वार्डों की सफाई व्यवस्था निजी कम्पनी संभालेगी और नगर निगम के 25 वार्ड जो सर्कुलर रोड के अन्दर हैं उनकी सफाई व्यवस्था स्थाई कर्मचारी संभालेंगे.
Sanitation Workers Strike: राजस्थान के भरतपुर नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था निजी कम्पनी के हाथों में दी गई है. नगर निगम में सफाई व्यवस्था में लगे अस्थाई सफाई कर्मचारी निजी कंपनी का लगातार विरोध कर रहें हैं. 30 जून से अस्थाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर में कूड़े का ढेर लग गया है. भरतपुर के शहरवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा कोई भी इंतजाम नहीं किए जा रहे. शहर में गंदगी को लेकर नगर निगम में बीजेपी के पार्षदों ने मेयर अभिजीत कुमार को ज्ञापन दिया है. साथ ही जल्दी से बोर्ड की बैठक बुलाकर इस समस्या का समाधान करने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर नगर निगम जल्दी से कोई ठोस कार्यवाई नहीं करती है तो आंदोलन किया जायेगा.
स्कूल की छात्राओं का क्या कहना है
शहर के बीच में स्थित एसबीके बालिका विद्यालय और सिटी औषधालय के पास हालत ज्यादा खराब हैं. गन्दगी और बदबू की वजह से वहां से निकलना लोगों का मुश्किल हो रहा है. स्कूल की छात्राओं ने बताया कि स्कूल आने जाने में परेशानी हो रही है. स्कूल के अंदर बैठकर पढ़ाई करना मुश्किल हो रहा है, बदबू बहुत आती है. मौसमी बीमारियां चल रही हैं कोरोना भी अभी गया नहीं है, इसलिए हमारी प्रशासन से मांग है की जल्दी से सफाई व्यवस्था को सुधारा जाए.
सफाई व्यवस्था निजी कम्पनी संभालेगी
दरअसल भरतपुर की नगर निगम क्षेत्र में पहले स्थानीय ठेकेदार अस्थाई कर्मचारियों से शहर की सफाई कराने का काम करवाते थे. जिसमें लगभग 8.5 करोड़ सालाना खर्च आता था. भरतपुर की नगर निगम के 65 वार्डों के क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को लगभग 615 स्थाई कर्मचारी और लगभग 650 अस्थाई कर्मचारी संभालते थे. अब भरतपुर के नगर निगम के 40 वार्डों की सफाई की व्यवस्था निजी कम्पनी संभालेगी और नगर निगम के 25 वार्ड जो सर्कुलर रोड के अन्दर हैं उनकी सफाई व्यवस्था स्थाई कर्मचारी संभालेंगे. भरतपुर की नगर निगम की 40 वार्डों की सफाई व्यवस्था निजी कम्पनी ने संभाली है अब नगर निगम का सालाना खर्च लगभग 13.5 करोड़ सालाना खर्च आयेगा.
क्या कहना है मेयर का
मेयर अभिजीत कुमार का कहना है कि नगर निगम के बीजेपी पार्षदों ने ज्ञापन दिया है कि जल्दी बोर्ड बैठक बुलाई जाए. जिसपर नगर निगम के कमिश्नर से चर्चा करने के बाद इस पर निर्णय लेकर अवगत कराया जाएगा. साथ ही सभी शहरवासियों को परेशानी हो रही है. शहर में एक नई व्यवस्था इंट्रीग्रेटेड क्लीनिंग सिस्टम के लिए उसका अस्थाई कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. बावजूद इसके कि अस्थाई कर्मचारियों के वेतन में इजाफा भी हुआ है. ऑटो टिपर चालक को 5648 रूपये नगद मिलता था, अब उनको 7600 रूपये मिलेंगे. वहीं सफाई कर्मचारी को पहले 5100 मिलते थे अब 7000 रूपये मिलेंगे. वेतन के अलावा इनको कई प्रकार की ट्रेनिंग भी दी जाएगी सुरक्षा बीमा, केन्द्र सरकार द्वारा अन्य योजनाओं का भी लाभ कम्पनी द्वारा दिया जाएगा. अधिकतर अस्थाई कर्मचारी काम पर आने को तैयार हैं पर कुछ उनके साथी उनको काम पर नहीं आने दे रहे.
क्या कहना है नेता प्रतिपक्ष का
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रूपेंद्र सिंह ने बताया है कि बीजेपी पार्षदों ने मेयर को ज्ञापन दिया है. 30 तारीख से सफाई कर्मी और ऑटो टिपर चालक हड़ताल पर हैं. नगर निगम के किसी भी अधिकारी ने शहर में सफाई को लेकर कोई इच्छा शक्ति नहीं दिखाई है कि कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म करवाकर सफाई व्यवस्था कराइ जाए. शहर में जगह-जगह गन्दगी के ढेर लग रहे हैं, महामारी फैलने का खतरा है. अगर जल्दी से सफाई व्यवस्था सुचारु नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा.