पढ़ाई करने दिल्ली गए छात्र की चौथी मंजिल से गिरने से मौत, पिता ने कहा, 'ये कैसे हो सकता है?'
Bharatpur Accident: भरतपुर से दिल्ली में बीबीए की पढ़ाई करने गए दो छात्रों की चौथी मंजिल से गिरकर मौत हो गई. वे कमरे में तकिये से खेल रहे थे, तभी खिड़की खुल गई और वे नीचे गिर गए.
Rajasthan News: आपस में दो दोस्त मस्ती कर रहे थे खेल-खेल में चौथी मंजिल से गिरकर दोनों छात्रों की मौत हो गई है. बताया गया है कि राजस्थान के भरतपुर से दिल्ली में बीबीए की पढ़ाई करने गए एक छात्र सहित दो छात्रों की चौथी मंजिल से गिरकर मौत हो गई. दोनों छात्र खाना खाने के बाद अपने कमरे में तकिये से खेल रहे थे. इस दौरान अचानक कमरे की खिड़की खुल गई और दोनों छात्र चौथी मंजिल से सीधे नीचे आ गिरे. दोनों छात्रों के सिर पर गंभीर चोट आई. दोनों ने मौके पर मृत्यु हो गई.
जानकारी के अनुसार भरतपुर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रेमचंद शर्मा निवासी सेक्टर-3 के दो बेटे हैं. उनका बड़ा बेटा इशांत (19) दिल्ली में बीबीए की पढ़ाई कर रहा था. ईशांत 8 महीने पहले ही दिल्ली गया था. वह अपने दोस्त के साथ एक पीजी में कमरा लेकर रह रहा था.
8 दिसंबर की रात को इशांत और उसका दोस्त खाना खाने के बाद कमरे में तकिये से खेल रहे थे. इस दौरान कमरे में खेलते समय अचानक कमरे की खिड़की खुल गई और दोनों चौथी मंजिल से जमीन पर आ गिरे. जिससे उनके सिर पर गंभीर चोट आई. घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. घटना की सूचना इशांत के परिजनों को दी गई. जिसके बाद वह विगत सोमवार को दिल्ली पहुंचे और शव को भरतपुर लाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
क्या कहना है मृतक छात्र के पिता का
इशांत के पिता प्रेमचंद ने बताया कि 9 दिसंबर की सुबह 3 बजकर 9 मिनट पर फोन आया. फोन किसी मोहित ASI ने किया था उन्होंने मुझसे कहा कि इशांत के पिता बोल रहे हो. इशांत फिसल गया है. उसकी स्थिति नाजुक है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आपका कोई रिश्तेदार हो तो, उसका नंबर दे दीजिए, तब मैंने अपने भांजे का नंबर दिया वह दिल्ली में रहता है. मेरे और दिल्ली में मिलने वाले उनका भी नंबर मैंने ASI को दिया. वह तुरंत ASI द्वारा बताई जगह पहुंचे. वहां पता लगा मेरे बेटे की मृत्यु हो गई है.
पीजी के अंदर रहने वाले स्टूडेंट 12 बजे की घटना बता रहे थे. उन्होंने बताया था कि हमने 12 बजे फोन पुलिस को फोन किया था. घटना के बाद इशांत को अस्पताल ले जाने के लिए हमने रोड पर एक गाड़ी से लिफ्ट मांगी. एक गाड़ी वाले अंकल थे. उन्होंने इशांत को अस्पताल पहुंचाया. जब मैंने पीजी में रह रहे बच्चों से बात की तो वह अलग-अलग बयान दे रहे थे. बच्चों ने बताया कि एक बच्चे को एक एंकल ले गए थे. इशांत को हम स्कार्पियो से अस्पताल ले गए थे.
घटना 12 बजे हुई मुझे 3 बजे सूचना दी गई. पीजी वालों का कर्तव्य बनता है, मैंने अपना बच्चा पीजी वालों के हवाले किया था. हमें पीजी वालों को सूचना देनी चाहिए थी, इशांत की मौत के बाद भी पीजी वालों का फोन नहीं आया. जिस कमरे में मेरा बच्चा रहता है उस कमरे में चार बच्चे रहते थे.
पुलिस ने मुझे बताया कि मेरा बेटा अपने दोस्त के साथ खिड़की से गिरा है. मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि एक साथ दो बच्चे खिड़की से कैसे गिर सकते हैं. मुझे जो कुछ बताया वह पुलिस वालों ने बताया. इशांत के पिता प्रेमचंद ने बताया कि पीजी वाले खिलाफ कोई कार्रवाई करूंगा या नहीं यह परिवार से बात करके निर्णय लूंगा. मेरे सामने पीजी का कोई भी व्यक्ति नहीं आया. इशांत दिल्ली में भगवान परशुराम कॉलेज में पढ़ता था और रोहिड़ी सैक्टर 17 गली नंबर 7 में स्थित पीजी में रहता था.
इसे भी पढ़ें: राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम को दी 17 दिनों की पैरोल, एयर एंबुलेंस जाएंगे महाराष्ट्र