Valentine's Day Special: कहते हैं कि दुनिया का हर बंधन प्यार से ही होता है, अगर प्यार न हो तो जिंदगी अधूरी ही मानी जाती है और ये कब किससे हो जाए यह पता नहीं चलता. प्यार, त्याग और विश्वास की ऐसी डोर है जिसमें बंधकर उसे सिर्फ महसूस ही किया जा सकता है. कुछ ऐसी ही कहानी है भरतपुर के डीग कस्बे में रहने वाले आरव कुंतल के प्यार की. भरतपुर के डीग कस्बे की रहने वाली मीरा डीग उपखण्ड के मोती का नगला के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पीटीआई के पद पर कार्यरत थी. मीरा की नौकरी वर्ष 2013 में लगी थी. वर्ष 2016 में इसी स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा कल्पना को कब्बडी का खेल खिलाते-खिलाते मीरा की कल्पना से दोस्ती हो गई.


कब्बडी की टीम के साथ कल्पना को मीरा खेल खिलाने बाहर भी लेकर गई. कल्पना और मीरा की दोस्ती बढ़ती गई और मीरा को कल्पना अच्छी लगने लगी. जिसके बाद मीरा ने अपना जेंडर चेंज कराने के लिए सोचा. कहा जाता है कि प्यार में सब कुछ जायज है और इसलिए प्यार के परवान चढ़ने की खातिर मीरा ने अपना जेंडर चेंज करा लिया और बन गई मीरा से आरव कुंतल. मीरा ने आरव कुंतल बनकर स्कूल की छात्रा कल्पना से शादी कर ली.


जेंडर चेंज कर की छात्रा से शादी


जानकारी के अनुसार शारीरिक शिक्षक मीरा ने स्कूल में पड़ने वाली कल्पना नामक छात्रा को कबड्डी का खेल सिखाया और कल्पना को स्टेट लेवल पर कबड्डी खिलाने भी ले गई थी. मीरा को अपने ही स्कूल के स्टूडेंट कल्पना से प्यार हो गया. प्यार इतना परवान चढ़ा कि शारीरिक शिक्षक मीरा अपना जेंडर चेंज करा कर लड़का (आरव कुंतल) बन गई और अपने स्टूडेंट कल्पना के साथ शादी कर ली. शादी करने के बाद दोनों काफी खुश रह रहे हैं. मीरा से आरव कुंतल बने और कल्पना की शादी से दोनों के परिजन भी काफी खुश हैं.




लड़की से लड़का बनने में लगे 3 साल


आरव कुंतल ने बताया कि मैं सरकारी स्कूल मे शारीरिक शिक्षक हूं. उसी गांव की छात्रा कल्पना खेलने में बहुत अच्छी थी. उसी दौरान हम दोनों के बीच प्यार हो गया था. मैं शुरू से ही जेंडर चेंज कराना चाहता था. 2012 में मैंने एक न्यूज में पढ़ा था कि किसी ने जेंडर चेंज कराया है. मैंने दिल्ली में अपना इलाज कराया. 2019 से इलाज शुरू हुआ और लास्ट सर्जरी 2021 में हुई. मैं लड़की के रूप में पैदा हुई मगर मुझे लगता था कि मैं लड़की ना होकर लड़का हूं. इसलिए मैंने अपना जेंडर चेंज करा लिया और अपने स्कूल की छात्रा कल्पना के साथ शादी कर ली है. अब हम दोनों और हमारे दोनों के परिवार के लोग खुश है.




सुखद जीवन जी रहे हैं आरव-कल्पना


कल्पना ने बताया कि यह बात हमारे दिमाग में भी थी की लोग क्या कहेंगे. हम गुरु और शिष्य थे और लोग कहेंगे कि गुरु ने शिष्या से शादी कर ली. हमने अपने परिवार वालों से बात की तो परिवार वाले राजी हो गए फिर हम दोनों ने शादी कर ली. हम दोनों में प्यार था इसलिए मेरे पति ने अपना जेंडर चेंज करा लिया और वह लड़का बन गए.  कल्पना ने बताया कि मेरे स्कूल में मीरा शारीरिक शिक्षक थी जिन्होंने मुझे 10वीं कक्षा से ही खेल खिलाया. मेरा खेल कबड्डी है और आज मैं जो भी हूं मेरे पति आरव की वजह से ही हूं. कल्पना का कहना है कि मैं शुरू से ही इनको चाहती थी और अगर यह अपनी सर्जरी नहीं भी कराते तो भी मैं इनके साथ शादी करने के लिए तैयार थी. अब हमारी शादी से परिवार वाले बहुत खुश है और हमारा वैवाहिक जीवन बढ़िया चल रहा है.


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