Bharatpur News: भरतपुर (Bharatpur) का केवलादेव नेशनल पार्क (Keoladeo National Park) में कई वर्षों से जलसंकट बना रहता है. सरकार द्वारा केवलादेव नेशनल पार्क के लिए पानी की कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है.  हालाकिं पार्क को पानी उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. नेशनल पार्क को गोवर्धन ड्रेन से और चम्बल से पानी उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन उस पानी में पक्षियों के लिए वनस्पति और खाने के लिए मछलियां नहीं मिल पाती हैं. 


इसके चलते धीरे - धीरे केवलादेव नेशनल पार्क में नेस्टिंग के लिए आने वाले पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है. पांचना बांध का पानी भरतपुर के अजान बांध में गंभीरी नदी और रूपारेल नदी द्वारा आता था. अजान बांध से केवलादेव नेशनल पार्क में पानी की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन करौली जिले के पांचना बांध में पानी रोक लेने के बाद केवलादेव में जलसंकट गहरा गया है. पानी की किल्लत को देखते हुए युनेसको ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज से बाहर करने की चेतावनी भी दी थी.


 पक्षी भी अब अपना डेरा बदल रहे
युनेसको की चेतावनी के बाद सरकार द्वारा पांचना बांध से केवलादेव नेशनल पार्क के लिए पानी छोड़ा गया था. केवलादेव पार्क के लिए बरसात का पानी, गोवर्धन ड्रेन का पानी और चम्बल का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन इस पानी से पार्क में आने वाले पक्षियों को भरपूर मात्रा में भोजन और वनस्पति नहीं मिल पा रही है. केवलादेव नेशनल पार्क में आने वाले देशी विदेशी पक्षी भी अब अपना डेरा बदल रहे हैं. 


350 प्रजाति के देशी - विदेशी पक्षी आते हैं
गौरतलब है की विश्व विख्यात केवलादेव नेशनल पार्क में 350 प्रजाति के देशी - विदेशी पक्षी आते हैं. पक्षियों की अठखेलियां को निहारने के लिए पर्यटक भी लाखों की संख्या में आते हैं, लेकिन पानी की परेशानी के चलते अब पक्षियों को केवलादेव नेशनल पार्क रास नहीं आ रहा है. नेस्टिंग के लिए पक्षी पार्क के बाहर अपना डेरा डाल रहे हैं. केवलादेव नेशनल पार्क के उप वन संरक्षक मानस सिंह ने बताया है की केवलादेव नेशनल पार्क को 550 एमसीएफटी पानी की जरुरत होती है, लेकिन पांचना बांध का पानी रोकने के बाद पार्क के लिए जलसंकट खड़ा हो गया है .


क्या कहना है पार्क के उप वन संरक्षक का
उन्होंने बताया है की पार्क में नेस्टिंग के लिए कुछ पक्षी  जिनमें ओपन बिल स्टोर्क और पेंटेड स्टोर्क आ गए हैं. पार्क में कुछ डिग्गियां हैं, उनमे पानी है. ज्यादा पानी के लिए हम चम्बल के पानी के लिए लगे हुए हैं. अजान बांध को रिपेयर किया जा रहा है. हम वॉटर सोर्स डिपार्टमेंट और पीएचईडी से संपर्क बनाए हुए है.  


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