Bharatpur News Today: राजस्थान के भरतपुर जिले में आज सोमवार (22 जुलाई) को जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने जलदाय विभाग के निजीकरण करने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने बाजू में काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने मंत्री, सरकार और सचिव के खिलाफ नारे लगाए. जलदाय विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि अगर विभाग को निजीकरण कर दिया गया, तो उसका असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.


कर्माचारियों को सता रहा है ये डर
प्रदर्शन करने वाले कर्मियों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि निजीकरण करने के बाद कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिलेगी और ऐसे में उन्हें अनुदान के भरोसे रहना पड़ेगा. 


जलदाय विभाग के प्रदेश कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार, जलदाय मंत्री और जलदाय सेक्रेटरी (जलदाय विभाग) को निगम बनाकर उसका निजीकरण करने जा रहे हैं. 


दीनदयाल वर्मा ने बताया कि सरकार के इसी फैसले के खिलाफ आज विरोध करने के लिए हम इकट्ठे हुए हैं. हमारा विभाग एक सेवा के लिए बना है न कि कमाई के लिए. हमारी जितनी रेवेन्यू एक साल में होती है, उससे भरतपुर के एक महीने के बिजली के बिल जमा नहीं हो सकते. 


'कर्मचारियों पर बढ़ेगा राजनीतिक दबाव'
एक कर्मचारी ने कहा कि जलदाय विभाग का बोर्ड बनाकर क्या हासिल होगा. कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में उन्हें अनुदान के भरोसे रहना पड़ेगा. इसके अलावा कर्मचारियों पर राजनैतिक दबाव बढ़ेगा.


प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि जलदाय विभाग इमरजेंसी विभाग है. कर्मचारी को कभी भी काम के लिए बुलाया जा सकता है, निजीकरण करने के बाद जब हम 8 घंटे ड्यूटी देंगे, तो फिर हम इमरजेंसी में क्यों आएंगे. 


'निजीकरण के फैसले का करेंगे पूरा विरोध'
प्रदेश कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्मा सरकार के निजीकरण के फैसले का भरपूर विरोध किया जाएगा. भरतपुर के बाद परे प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी अपील है कि निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिया जाए. यह विभाग रेगुलर सेवा में आता है.


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