Bharatpur Cold Wave: राजस्थान के भरतपुर जिले में शीतलहर और पाले का प्रकोप लगातार जारी है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन द्वारा यलो अलर्ट जारी किया गया. उत्तर भारत में तीव्र शीत लहर चलने और पाला पड़ने की चेतावनी के साथ ही मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर द्वारा भी यलो अलर्ट जारी किया गया.


मौसम विज्ञान केंद्र के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन द्वारा आमजन को इससे बचाव के लिए अलर्ट जारी किया गया. तेज शीतलहर चलने और तापमान में गिरावट से पशुओं को भी सर्दी से नुकसान पहुंच सकता है. इस वजह से पशुओं के आसपास अलाव जलाने की भी व्यवस्था करने के लिए कहा गया, जिससे उनको सर्दी से बचाया जा सके.


रात में पशुओं को छायादार जगह पर रखने की बात कही गई. शीतलहर से बचने के लिए सुबह जल्दी बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी गई.


जिला कलेक्टर ने की अपील 


भरतपुर के जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने मौसम विभाग की चेतावनी के बाद लोगों से अपील की. 14 से 17 जनवरी तक जिले में शीत लहर का प्रकोप रहने के कारण और कुछ स्थानों पर पाला भी पड़ने की सम्भावना है. ऐसे में शीतलहर दलहनी फसलों और पशुओं को प्रभावित कर सकती है. ठंड के लंबे संपर्क में रहने के कारण शीतदंश होने की संभावना रह सकती है. शीतलहर से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी परशानियों से बचने के लिए सावधानियां बरतने की अपील की गई. साथ ही कहा गया कि जरुरत हो तभी घर से बहार निकलें. परिवार में वृद्ध, बच्चों और गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखें.


लम्बे समय तक ठंड में रहने से बचें साथ ही सिर, गर्दन, हाथ-पैर की उंगलियों को ढक कर रखें, ताकि शारीरिक ऊष्मा बनी रहे. सभी लोग अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें, पर्याप्त भोजन करके ही घर से बाहर निकलें उच्च कैलोरी वाले भोजन का सेवन करें, जितना हो सके ठंडा खाना खाने और ठंडा पेय पदार्थ पीने से बचें. ठंड में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें.


पाला पड़ने पर कैसे करें बचाव 


तेज शीतलहर और पाला पड़ने की चेतावनी के साथ ही किसान की चिंता भी बढ़ गई है. अगर पाला पड़ा तो किसान की फसल को काफी नुकसान होगा. संयुक्त निदेशक कृषि विभाग रमेश चंद महावर ने किसानों को बताया कि अपनी फसल को पाला से बचाने के लिए हलकी सिंचाई करें. इससे जमीन और पौधों का तापमान 2 डिग्री तक बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों की उत्तर और पश्चिम दिशा में मेड़ो पर धुंआं करें और सल्फर डस्ट का 8 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में भुरकाव करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खेंतों में यूरिया का भी छिड़काव करें. संयुक्त निदेशक रमेश महावर ने बताया कि थायो यूरिया 15 ग्राम (15 लीटर) अथवा 150 ग्राम (150 लीटर) पानी के साथ प्रति हेक्टेयर खेत में खड़ी फसल पर छिड़काव करें. 


पाले से बचाएगा ग्लूकोज 


कृषि संयुक्त निदेशक रमेश महावर ने बताया कि पाले से बचाव हेतु ग्लूकोज का प्रयोग काफी प्रभावी है. खेत में खड़ी फसल पर 25 ग्राम ग्लूकोज (15 लीटर) की दर से छिड़काव करें. अगर किसी किसान की फसल पाले की चपेट में आ गई हो तो तुरंत 25 से 30 ग्राम ग्लूकोज ( 15 लीटर) की दर से प्रभावित फसल पर छिड़काव करें. 


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