जलते अंगारों में बच्ची को झोंकने वालों को फांसी की सजा, परिजन बोले, 'खाना पीना लग रहा था जहर'
Bhilwara Bhatti Case: भीलवाड़ा भट्टी कांड में कोर्ट का फैसला आ गया है. दो सगे भाइयों को फांसी की सजा सुनायी गयी है. जलते अंगारों में झोंकी गयी बच्ची के परिजनों ने प्रतिक्रिया दी है.
Rajasthan Crime News: भीलवाड़ा भट्टी कांड में कोर्ट के फैसले पर परिजनों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अब मासूम बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी. हालांकि सात आरोपियों के बरी किये जाने पर माता पिता का असंतोष साफ दिखा. बता दें कि 10 माह तक चली सुनवाई के बाद बहुचर्चित कोयला भट्टी हत्याकांड में भीलवाड़ा की पॉक्सो कोर्ट ने फैसला सुनाया. पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के न्यायाधीश अनिल गुप्ता ने आज दो सगे भाइयों को फांसी की सजा दी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में माता पिता भी मौजूद रहे. फैसला आने के बाद मां का दर्द छलका. उन्होंने कहा कि बेटी की मौत के बाद 9 माह से खाना पीना जहर लग रहा था. उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से बेटी को इंसाफ मिल गया. पिता ने भी फैसले का स्वागत करते हुए सकून महसूस करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अब सकून से खाना खा सकेंगे. हालांकि परिजनों ने सात आरोपियों के लिए भी सजा की इच्छा जताई.
भीलवाड़ा भट्टी कांड में फैसले का स्वागत-अशोक गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पॉक्सो कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अदालत के फैसले को स्वागत योग्य बताया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, 'अगस्त 2023 में भीलवाड़ा के कोटड़ी में रेप और हत्याकांड पर अदालत से दोषियों को मृत्युदंड की सजा का फैसला स्वागत योग्य है. उस समय हमारी सरकार ने आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी की थी. एडीजी क्राइम को घटनास्थल पर भेजा गया. करीब एक महीने में केस की चार्जशीट दायर कर दी गई थी. आज करीब 10 महीने के अंदर दोषियों को सजा सुनाई गई है.'
पॉक्सो कोर्ट ने सुनायी दो सगे भाइयों को फांसी की सजा
दरिंदों ने जलते अंगारों के बीच 14 वर्षीय मासूम बच्ची को झोंक दिया था. पॉक्सो कोर्ट ने दो सगे भाई कालू और कान्हा को फांसी की सजा सुनायी. दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने सोमवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. 2 अगस्त 2023 को नाबालिग के साथ दो युवकों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी. गैंगरेप के बाद उन्होंने जलते अंगारों में बच्ची को झोंक दिया था.
नाबालिग बच्ची अकेले मवेशी चराने के लिए खेतों में गई थी. पुलिस ने 473 पन्नों की चार्जशीट 30 दिन के अंदर कोर्ट में पेश कर दी. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक वारदात में आरोपियों का साथ पत्नियों, बहन, मां और बाप ने भी दिया था. दिल दहला देने वाली घटना सामने आने के बाद राज्य सरकार ने महावीर किसनावत को विशेष लोक अभियोजक बनाया. अभियोजन पक्ष की ओर से 222 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गये.
(रिपोर्ट-सुरेंद्र सागर)