राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में धर्म विरोधी पुस्तक बांटने पर बवाल खड़ा हो गया है. स्कूल में पुस्तक बांटने के बाद छात्रों की शिकायत पर अभिभावक और ग्रामीणों में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं. ग्रामीणों ने स्कूल को बंद भी कराया. यह पुस्तक पाठ्क्रम का पार्ट नहीं बल्कि निजी प्रकाशक द्वारा छापी गई पुस्तक है जिसे बांटने का आरोप स्कूल की ही महिला शिक्षक पर है. शिक्षा विभाग ने महिला पर कार्रवाई करते हुए एपीओ किया है. यह मामला भीलवाड़ा जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रूपपुरा का है जो बुधवार को सामने आया है. आरोप है कि पुस्तक में देवी-देवताओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई है.
स्कूल का गेट बंदकर किया विरोध
छात्रों को 5 दिन पहले पुस्तकें बांटी गई थी. फिर सभी तक बात पहुंची तो ग्रामीणों ने धर्म विरोधी पुस्तक बच्चों को बांटने का आरोप लगाते हुए बुधवार सुबह 9 बजे स्कूल गेट बंदकर प्रदर्शन किया. नारेबाजी की सूचना पर सुबह 11 बजे आसींद तहसीलदार बेनी प्रसाद सरगरा, आसींद थाना अधिकारी हरीश सांखला पुलिस जाब्ते के साथ स्कूल पहुंचे. आसीद अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भंवरलाल सेन ने ग्रामीणों को समझाकर मामला शांत करवाया. शिक्षा अधिकारी ने कहा कि धर्म विरोधी किताब कहां से आई, किसने बांटी इसकी जांच की जा रही है. एक पुस्तक 11वीं कक्षा के छात्र सोनू खारोल को मिली. किताब पर शिक्षिका निर्मला कामड़ और उनके मोबाइल नंबर लिखे मिले.
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शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी बनाई
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्माराम चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी बनाई है. स्कूल में कक्षा 11वीं के छात्र सोनू खारोल ने बताया कि 5 दिन पूर्व शिक्षिका निर्मला कामड़ ने यह पुस्तक दी थी. शिक्षका के खिलाफ कार्रवाई कर एपीओ कर दिया गया है. वहीं शिक्षिका ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दलित समाज से हूं इसी कारण ग्रामीण और शिक्षक ईर्ष्या रखते हैं. मुझ पर झूठे आरोप लगाकर मुझे एपीओ कराया. मेरी बात को शिक्षा विभाग के अधिकारी भी नहीं सुन रहे हैं.
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