Bhilwara Crime News: गुड़ियों-गुड्डों से खेलने की उम्र में राजस्थान की एक बेटी नरक में झोंक दी गई. ये कहानी भीलवाड़ा (Bhilwara) की है. यहां रहने वाले एक पिता ने छह साल की उम्र में ही अपनी बेटी का विवाह कर दिया, लेकिन बेटी ने ससुराल जाने से मना किया. इसके बाद पंचायत बैठी और परिवार पर नौ लाख का जुर्माना लगा दिया. हद तो तब हो गई जब जुर्माने की रकम को चुकाने के लिए पिता ने बेटी को नो लाख में दलाल को बेच दिया और देह व्यापार के दलदल में ढकेल दिया. जुर्म की इंतेहा तब हो गई, जब दलाल ने बच्ची को एक ग्राहक को सौंप दिया.


ग्राहक पूरी रात उसके शरीर को नोचता रहा. आखिरकार वो मां बन गई. अब एक बार फिर उसे बेचने की तैयारी है, लेकिन वो किसी तरह उस नर्क से भागकर आई है. लड़की एसपी के पास पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई है. पुलिस ने उसे भरोसा दिया कि कार्रवाई की  जाएगी. ये पूरा मामला भीलवाड़ा के काछोला थाना क्षेत्र का है. इस समय वो पीड़ित लड़की 17 साल की है. उसने अपना ये दर्द बयां किया किया है. 


छह साल उम्र में करा दी शादी
पीड़ित ने कहा "मैं छह साल की थी तब मेरे मां-बाप ने मेरी शादी करवा दी. दो साल बाद ससुराल भेजने की तैयारी कर दी, लेकिन मैं रोने लगी और ससुराल जाने से मना कर दिया. इसके बादसमाज की पंचायत बैठी और हम पर 9 लाख का जुर्माना लगा दिया. उसे चुकाने के लिए मेरे बाप ने मुझे 12 साल की उम्र में दलालों को बेच दिया. पहली बार मुझे दलालों ने 12 साल की उम्र में ही 1 लाख रुपए लेकर रातभर के लिए एक ग्राहक को सौंप दिया. मैं रातभर दर्द से चिल्लाती रही, लेकिन मेरी सुनने वाला कोई नहीं था."


15 साल की उम्र में ही बन गई मां
उसने कहा "इसके बाद ऐसी हैवानियत मेरे साथ हमेशा होने लगी. 15 साल की उम्र में ही मैं मां बन गई. अभी मेरी उम्र 17 साल है और दलाल मुझे आगे बेचना चाहते हैं और में इससे बाहर निकलना चाहती हूं." दरअसल, काछोला थाना क्षेत्र में रहने वाली 17 साल की नाबालिग अपने परिजनों और समाज के कुछ लोगों के साथ एसपी आदर्श सिद्धू के सामने पेश हुई. उसने सुई गांव निवासी महेंद्र पुत्र सीताराम कंजर, कमल पुत्र बन्ना कंजर, कालू कंजर, बाकरा निवासी बटनिया पुत्र माना नट, टोंक जयसिंहपुरा निवसी सुधेश पुत्र गोपाल नट, सम्मा पत्नी गोपाल नट व प्रियंका पुत्री गोपाल नट के खिलाफ शिकायत दी है.


पीड़िता ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
उसने बताया कि आरोपियों ने उसके पिता को 9 लाख से ज्यादा के कर्ज में डूबाकर उनसे स्टांप पर लिखवा दिया और जयसिंहपुरा ले जाकर उसे देह व्यापार में धकेल दिया. पीड़िता ने बताया कि 15 साल उसकी खेलने की उम्र थी, लेकिन उस उम्र में मैं गर्भवती हो गई. दलालों ने कहा कि लड़की हुई तो वो उसे पांच लाख रुपये में आगे बेचेंगे, लेकिन मेरे लड़का हो गया. इसके बाद  दलालों ने मुझे बुरी तरह पीटा और फिर से देह व्यापार में लगा दिया. अब पीड़िता ने भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू से न्याय की गुहार लगाई है. 


साथ ही बता दें कि स्टांप पर बेटियों को बेचने की बात को सरकार व स्थानीय प्रशासन नकारता जा रहा है, लेकिन आज भी अंधेरे कौने में बिकी हुई बेटियां अपनी रिहाई की उम्मीद लगाकर बैठी हैं.


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