Honey Trap Case: राजस्थान (Rajasthan) के भीलवाड़ा में हनी ट्रैप गैंग (Honey Trap Gang) पकड़ने के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल यह गंदा खेल वकीलों और पुलिस की मदद से अंजाम दिया जा रहा था. रुपयों के लालच में पुरुषों को फंसाकर मोटी रकम ऐंठने में वकील और पुलिस बिचौलिए की भूमिका निभाते थे. इसके बाद बंदरबांट कर सभी को राशि का हिस्सा मिलता था. शिकार को फंसाने के लिए जरूरतमंद महिलाएं गैंग में शामिल थीं.


भीलवाड़ा पुलिस ने एक सरकारी टीचर की शिकायत पर हनी ट्रैप को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया. इस मामले में तीन महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया. गिरोह ने सरकारी टीचर को हनी ट्रैप का शिकार बनाकर एक लाख दस हजार रुपए ऐंठे थे. गिरोह से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग वकीलाें और पुलिसकर्मियों की मिली-भगत से हनी ट्रैप का खेल कर रही थीं.


मोटी रकम लेकर लगाते थे मुकदमे में FR


वहीं गैंग की महिलाओं ने बताया कि हनी ट्रैप के शिकार व्यक्ति पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में केस दर्ज करवाते थे. इसके बाद पुलिस और वकील दलाल की भूमिका निभाते. बिचौलिए बनकर उस पीड़ित व्यक्ति से बात करते और उसे डरा-धमकाकर समझौता करने के लिए राजी करते. मुकदमे में जेल जाने और समाज में बदनामी होने के डर से व्यक्ति समझौता करने के लिए राजी हो जाता था. उससे मोटी रकम लेकर मुकदमे में एफआर लगा दी जाती थी. इस चौंकाने वाले खुलासे ने खाकी को दागदार किया है.


6 मुकदमों में करवाया समझौता
सुभाषनगर थानाप्रभारी नंदलाल रिणवां के मुताबिक, मांडलगढ़, जहाजपुर, सदर, प्रताप नगर समेत कई थानों में बलात्कार के छह मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें बाद में समझौता हुआ. बलात्कार में परिवाद की फेहरिस्त काफी लंबी बताई है. सामने आया कि गैंग ने एक बिजनेसमैन के खिलाफ भीमगंज थाने में रिपोर्ट दी थी. उस केस में वकील और पुलिसकर्मी ने समझौता करवाया. मोटी रकम की बड़ी डील तय हुई और फिर मामला रफा-दफा कर दिया.


DSP और वकील ने निभाई बिचौलिए की भूमिका


पकड़ी गई आरोपी महिलाओं के मुताबिक, पीड़ित से मिलने वाली रकम की बंदरबांट पुलिस से लेकर वकील और गैंग के सदस्यों में होती थी. प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि एक व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए एक आरोपी महिला ने डेढ़ महीने पहले जहाजपुर थाने में केस दर्ज करवाया था. उस मामले में एक डीएसपी और वकील ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी. महिला ने जिस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था उससे समझौता करवाने के नाम पर बड़ी रकम ली.


पीड़ित ने डर के कारण मांगी गई रकम दे दी. उसके बाद मामले को एफआर लगाकर खत्म किया. पूछताछ में गैंग ने बताया कि वह अमीर व्यक्तियों को ही हनी ट्रेप का शिकार बनाते थे. इसके लिए गैंग के सभी सदस्य शिकार पर नजर रखते थे. उसके बाद ही साजिश रचकर वारदात को अंजाम देते थे. इस गिरोह ने उद्योगपति, डॉक्टर, टीचर, कारोबारी, प्रॉपर्टी डीलर समेत कई लोगों को शिकार बनाया है.


4 वकीलों से आज करेंगे पूछताछ


सुभाष नगर थाना पुलिस ने हनी ट्रैप गैंग में शामिल आरोपी राजपुरा (कारोई) हाल विनायक सिटी निवासी मुकेश सेन, सुवाणा हाल विनायक सिटी निवासी मनोज सोनी, नाहरी जोगरास हाल विनायक सिटी निवासी मैना उर्फ मीना राव पत्नी नारायण राव, माया उर्फ पूजा पत्नी मुकेश सेन और लसुडिया थाना मल्हारगढ़ (मध्य प्रदेश) हाल मंडपिया निवासी कृष्णा पत्नी जितेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था.


न्यायालय में पेश करने पर पुलिस ने पांचों आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर लिया है. आरोपियों से बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाकर समझौते में दलाल की भूमिका निभा रहे चार वकीलों से रविवार को पूछताछ करेंगे.


ये भी पढ़ें: Mission 2023: सीएम गहलोत के गढ़ से ओवैसी की हुंकार, बोले- 'न्याय हासिल करने के लिए राजनीति में शामिल हों मुसलमान'