Bhilwara News: भीलवाड़ा (Bhilwara) में मंगलवार को कोर्ट की एक टीम जिला कलेक्टर और तहसीलदार की कुर्सी और वाहन कुर्क करने पहुंच गई. इसके बाद कोर्ट के आदेश को देखकर गुजारिश करते हुए मोहलत मांगी गई, जिसके चलते कुर्सी और वाहन कुर्क होने से बच गए. कलेक्ट्री पहुंचे कोर्ट अमीन को बैरंग लौटना पड़ा. दरअसल, कोर्ट ने मंगलवार को कलेक्टर और तहसीलदार की कुर्सी और गाड़ी को कुर्क करने का आदेश दिया. आदेश के बाद कोर्ट की टीम कलेक्ट्रेट पहुंची.
कोर्ट की टीम सीधे कलेक्टर आशीष मोदी के ऑफिस में पहुंची और कार्रवाई करने लगी. टीम की इस कार्रवाई के बाद कलेक्टर सहित अधिकारियों ने कोर्ट से कार्रवाई नहीं करने की गुज़ारिश की. इसके बाद कलेक्टर को आठ अगस्त तक की मोहलत दी गई, जिसके बाद टीम बिना कार्रवाई किए वापस लौट गई. दरअसल, ये मामला करीब 23 साल पुराना है. सन 2000 में आरएफसी की ओर से सुवाणा में फैक्ट्री की नीलामी की गई थी. परिवादी सुवाणा निवासी सुशील चपलोत ने नीलामी में उस फैक्ट्री को खरीद लिया था.
कलेक्टर बोले- नहीं थी मामले की जानकारी
उसने दिए हुए समय में उसने पैसे भी जमा करवा दिए थे लेकिन, इसके बाद भी भीलवाड़ा तहसीलदार ने उस फैक्ट्री को परिवादी के नाम नहीं किया था. काफी जतन करने के बाद परिवादी को राहत नहीं मिली तो उसने कोर्ट की शरण ली. इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को इस संबंध में कलेक्टर-तहसीलदार दोनों की कुर्सी टेबल और गाड़ी कुर्क करने के आदेश दिए थे. वहीं कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि कोर्ट में चल रहे इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं थी. तत्कालीन तहसीलदार द्वारा इस काम में खामी रही है.
वहीं कोर्ट अमीन कैलाश चंद्र ने कहा कि जिला कलेक्टर द्वारा आगामी पेशी तारीख आठ अगस्त को मामले पर उचित संज्ञान लेने का आश्वासन दिया गया है, जिसके चलते कार्रवाई मुल्तवी की गई है.
(भीलवाड़ा से सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट)