Bhilwara Retired Teacher News: गुरु और शिष्य के रिश्ता का हमेशा से महत्व रहा है. गुरु को दिए गए वचन को शिष्य आदरपूर्वक पूरा करते हैं और जीवन भर उनका आदर करते हैं. गुरु द्रोणाचार्य के शिष्य एकलव्य ने तो अपना अंगूठा कटवा दिया था और गुरु की आज्ञा का पालन किया था. आज हम ये बातें इसलिए कर रहे हैं क्योंकि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक गुरु की विदाई की ऐसी तस्वीर आई है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.

 

भीलवाड़ा में शाहपुरा के अरवड़ गांव में स्थित राजकीय सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक भंवरलाल शर्मा को ग्राम वासियों और पूर्व विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने सेवानिवृत्त होने पर अनूठे तरीके विदाई दी. शिक्षक भंवरलाल शर्मा की विदाई समारोह के लिए 31 दिसंबर की शाम विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य स्तर के कवियों ने काव्य पाठ किया. फिर 1 जनवरी को अनूठे तरीके से विदाई दी गई. इस समारोह में स्कूल परिसर में क्षेत्र के शिक्षक और पूर्व विद्यार्थी परिषद के छात्र सहित अरवड़ गांव के तमाम लोग उपस्थित हुए.

 

शिक्षक भंवरलाल शर्मा को हाथा पर बैठाकर घूमाया गया

 

इस दौरान शिक्षक भंवरलाल शर्मा को खासतौर से विदाई देने के बाद उनको हाथी पर बिठाया गया और पूरे गांव में एक बारात की तरह घूमाया गया. गुरु की इस तरह की खास विदाई पर गांव के लोगों का कहना था कि भंवरलाल शर्मा के अनूठे प्रयास के कारण ही हमारे विद्यालय में उपस्थित छात्र अच्छा अध्ययन कर पाए. वह हमेशा छात्रों को मोटिवेट करने और हिम्मत बंधाने वाले टीचर रहे. वह हमारे विद्यार्थियों की आवाज बनकर काम करते थे, इसलिए आज पूरे गांव वासियों ने हाथी पर बिठा कर विदाई दी.

 

20 सालों तक अरवड़ गांव के स्कूल में थे कार्यरत

 

भंवरलाल शर्मा पिछले 20 वर्षों से अरवड़ गांव में स्थित राजकीय सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत थे. जहां 8 माह पूर्व इसी विद्यालय के अंतर्गत सरदारपुरा गांव में स्थानांतरण हो गया था. उसके बाद अब भंवरलाल शर्मा सेवानिवृत्त हो गए. जिसके बाद पूर्व छात्रों और ग्राम वासियों ने हाथी पर बैठाकर विदाई दी. विदाई समारोह के दौरान अध्यापक भंवरलाल शर्मा ने निधि फंड से 2 लाख रुपये विद्यालय में छात्रों के कंप्यूटर अध्ययन के लिए दिए.

 

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