Rajasthan News: लोकतंत्र में हर एक वोट का खास महत्व है. एक वोट से जीत-हार का फैसला हो सकता है. एक वोट किसी को कुर्सी पर बैठा सकता है, तो वहीं किसी से सत्ता छीन सकता है. राजस्थान के भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले की काछोला ग्राम पंचायत में ऐसा ही हुआ. यहां रोचक मुकाबले में एक वोट से जीतकर लाड़ देवी खटीक सरपंच निर्वाचित हुईं.
लाड़ देवी और सोनू के बीच हुआ मुकाबला
भीलवाड़ा की काछोला ग्राम पंचायत में रिक्त सरपंच पद के लिए 2 फरवरी को चुनाव हुए. जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिल्पा सिंह के आदेश अनुसार मांडलगढ़ उपखण्ड अधिकारी और पीठासीन अधिकारी जय कौशिक की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित की गई. इसमें सरपंच पद के लिए निर्वाचन हुआ. ग्राम पंचायत काछोला में सरपंच पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. आरक्षित वर्ग के तीन वार्ड में से लाड़ देवी खटीक और सोनू धोबी ने नामांकन पत्र दाखिल किए, दोनों के बीच मुकाबला रोचक रहा. निर्वाचन प्रक्रिया में ग्राम पंचायत के सभी तेरह वार्ड पंचों ने मतदान किया.
लाड़ देवी को 7 और सोनू धोबी को 6 मत मिले. निर्वाचन अधिकारी ने लाड़ देवी खटीक को एक मत से विजयी घोषित किया. चुनाव प्रक्रिया के दौरान विकास अधिकारी भानुप्रताप सिंह हाड़ा, नायब तहसीलदार सत्यनारायण आचार्य, राहुल धाकड़, पीईओ राजेंद्र सेन, मदनलाल शर्मा, सचिव अंकित बंसल, पटवारी रामकिशन जाट, नरेगा सचिव महावीर तेली, थाना प्रभारी दिलीप सिंह राठौड़ मौजूद रहे.
पूर्व सरपंच को मिला था सिर्फ एक वोट
सरपंच पद के लिए हुए चुनाव में लाड़ देवी के एक वोट से जीतने की चारों ओर चर्चा हो रही है. रोचक बात यह भी है कि इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव के लिए हुए चुनाव में पूर्व सरपंच को महज एक वोट मिला था. काछोला के पूर्व सरपंच प्रहलाद नट के खिलाफ काफी नाराजगी थी. विकास अधिकारी के साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने 16 दिन तक पंचायत कार्यालय के बाहर धरना भी दिया था. इसके बाद बीते 20 जनवरी को वार्ड पंचों के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. सरपंच के पक्ष में एक मात्र स्वयं का ही वोट आया. अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद से ही सरपंच का पद रिक्त था, जिस पर अब लाड़ देवी का चयन हुआ.