Bhilwara Suicide: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडल उपखंड मुख्यालय पर एक किशोर द्वारा किए गए सुसाइड के कारण को जानकर सबको चौंका दिया है. जिला मुख्यालय से मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मांडल कस्बे के मालियों का मोहल्ला भाटिया की माताजी के मंदिर के पास कन्हैया ( कुलदीप ) माली पुत्र कैलाश माली ने 12 जुलाई की देर रात्रि में लगभग 1 बजे अपने कमरे में रस्सी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया.


पीछे से आए उसके बड़े भाई को कमरे में कन्हैया को फंदे से लटका हुआ देखा तो उसके पैरों तले से धरती खिसक गई. कन्हैया के सुसाइड करने का पता चलने पर घर में हां हां कार मच गया, चिलाहट और हो हल्ला से मोहले के वासी जाग गए और मोज पर भीड़ लग गई. तत्काल प्रभाव से परिजनों ने कन्हैया ( कुलदीप ) को फंदे से उतारा और मांडल उप जिला स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां पर मौके पर उपस्थित डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शव को मोर्चरी में रखवाया गया, मांडल पुलिस को घटना की सूचना मिलने पर हॉस्पिटल पहुंची और शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द किया गया.


दोस्त के गम में किया सुसाइड
थानाधिकारी संजय गुर्जर ने बताया की बीती रात्रि को ( कुलदीप ) कन्हैया लाल पुत्र कैलाश माली उम्र 22 ने पंखे के कड़े में रस्सी से फंदा डालकर सुसाइड कर लिया था, जिसकी रिपोर्ट उसके अंकल नन्द लाल माली ने दर्ज करवाई है. पुलिस ने प्रथम दृष्ट्या अपनी जांच में पाया की कन्हैया लाल अपने दोस्तो के साथ होटल पर खाना खाने गया था, जहां पर वो बहकी बहकी बाते करते हुए कहा की मेरा खास दोस्त से मुझे मिलना है, अब आप सब मुझे माफ करना, अब आप से झगड़ा नहीं करूंगा, मुझे बस मेरे खास दोस्त से मिलना है और वह अपने घर चला गया.


घर जाने के बाद उसने सुसाइड कर लिया, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 15 अगस्त 1975 में निर्माता निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म शोले सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी जिसके "ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे , छोड़ेंगे हम अगर तेरा साथ नहीं छोड़ेंगे" गाने को लोगों ने काफी पसंद किया गया था, उसी के बोलो को चरितार्थ किया हैं.


दुर्घटना में हुई थी दोस्त की मौत
कन्हैया लाल माली ने अपने दोस्त लोकेश मीणा की मौत से क्षुब्ध होकर सुसाइड कर लिया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत एक माह पूर्व बीते दिनों भीलवाड़ा सरस डेयरी के पास लोकेश मीणा अपने दोस्त के साथ बाइक से सामाजिक कार्यक्रम से लौटते समय ट्रक बाइक में टक्कर हो गई थी, जिसके चलते दुर्घटना में लोकेश मीणा की दर्दनाक मौत हो गई थी. कन्हैया और लोकेश दोनो घनिष्ठ मित्र थे और हम उम्र भी थे. हर समय साथ साथ व्यतीत किया था जिसके चलते दोनो में बहुत लगाव भी था.


इसी के चलते कन्हैया खोया खोया रहता था और उसने अपने अन्य साथियों को लोकेश से मिलने की बात कह रहा था. अपने साथियों से माफी भी मांग रहा था. कन्हैया और लोकेश का परिवार सामान्य श्रेणी से संबंध रखते है और दोनो के पिता मजदूरी और इलेक्ट्रिशियन का काम करते है.


भीलवाड़ा से सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट


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