भीलवाड़ा में वन विभाग के शिकंजे में नहीं आया, ग्रामीणों के देसी जुगाड़ में फंस गया पैंथर
Rajasthan News: पिछले एक साल से इस पैंथर के क्षेत्र में लगातार आने-जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई थी. ग्रामीणों में दहशत और डर का माहौल था. यह मामला भीलवाड़ा की सहाडा विधानसभा के गंगापुर उपखंड का है.
Bhilwara News: वन विभाग की टीम जब पैंथर को पकड़ने में असफल रही तो ग्रामीणों ने एक जुगाड का फंदा बनाकर लगाया जिसमें बीते एक वर्ष से दहशत में जीने को मजबूर हो रहे लोगों को निजात मिल गई और पैंथर ग्रामीणों द्वारा लगाए गए फंदे में फंस गया. ये पूरा मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा के गंगापुर उपखंड के गुढ़ा गांव की है. ग्रामीणों ने जंगल में फंदा लगाकर एक पैंथर को फंसा लिया है.
पिछले एक साल से इस पैंथर के क्षेत्र में लगातार आने-जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई थी. ग्रामीणों में दहशत और डर का माहौल था. भीलवाड़ा वन विभाग की टीम ने भी पैंथर को पकड़ने के लिए कई प्रयास किए जगह जगह पर पिंजरे लगाए थे लेकिन वे पैंथर को पकड़ने में सफल नहीं हो पाए. आखिरकार ग्रामीणों ने खुद ही परंपरागत तरीके से पैंथर को पकड़ने का एक जाल बिछाया और उसमें रात्रि के अंधेर में पैंथर फंस गया.
गंगापुर उपखंड के गुढ़ा गांव में ग्रामीणों द्वारा लगाए गए फंदे में पैंथर के फंसने की सूचना मिलते ही भीलवाड़ा से वन विभाग के वनपाल नारायण सिंह चुंडावत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. उदयपुर से भी वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है दोनों टीमों के अधिकारियों ने संयुक्त चर्चा कर पैंथर को सुरक्षित निकाल कर पकड़ लिया. कुछ दिन पहले ही आदमखोर पैंथर ने आठ दस लोगों पर जानलेवा हमलों से इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था.
वन विभाग की दो जिले की टीमों द्वारा रेस्क्यू किया गया
भीलवाड़ा वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि गंगापुर उपखंड क्षेत्र के गुढ़ा गांव में पैंथर पकड़ में आने की सूचना मिली जिस पर उस लेपर्ड को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर पहुंचे जहां पर ग्रामीणों द्वारा लेपर्ड पकड़ने के लिए पारंपरिक तरीके से फंदा लगा रखा था उसमें लेपर्ड फंस गया था वैसे ये फंदा कई समय पूर्व लगाया गया था. वहीं उदयपुर से रेस्क्यू टीम को भी बुलाया गया था. संयुक्त टीम द्वारा तुरंत लेपर्ड को ड्रायकुल कर रेस्क्यू किया.
उन्होंने कहा कि फिलहाल नर लेपर्ड बिल्कुल स्वस्थ है. इसकी उम्र करीब 5 से 6 साल है. उच्च अधिकारी के मार्गदर्शन में गंगापुर से जुड़ी टैरिटरी में उसे छोड़ा गया है. इस दौरान उदयपुर के क्षेत्रीय वन अधिकारी हिमांशु व्यास, डॉ. विशाल सिंह, सहायक वनपाल जितेंद्र सिंह देवड़ा, टेक्नीशियन द्वारिका प्रसाद शर्मा, अशोक नारायण जोशी के साथ भीलवाड़ा टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी मनोज कुमार के अलावा वनपाल नारायण सिंह, बालू दास, संजू माली और सत्य प्रकाश समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे.