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Rajasthan Elections 2023: मेवाड़ की रावत बहुल सीट, पूर्व पीएम वीपी सिंह का ससुराल भी, जानें यहां जीत और हार के लिए सबसे बड़ा फैक्टर
Rajasthan Elections 2023: मेवाड़ की एक ऐसी की बात करने जा रहे हैं जो पूर्णतया रावत बहुल सीट मानी जाती है. यहां से रावत ही जीतते आ रहे हैं. यहां सीट पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का ससुराल भी है.
राजस्थान ने विधानसभा का बिगुल बज चुका है. बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी भी कर दी है. अभी भी दोनो पार्टी एक एक विधानसभा पर सियासी समीकरण को देखते हुए प्रत्याशी घोषित कर रहे हैं. ऐसे में मेवाड़ की एक ऐसी सीट की बात करने जा रहे हैं जो पूर्णतया रावत बहुल सीट मानी जाती है. यहां से रावत ही जीतते आ रहे हैं. इस क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का ससुराल भी है. जिस सीट की हम बात कर रहे हैं वह है राजसमंद जिले की भीम विधानसभा सीट. जानिए क्या है इस सीट का सियासी समीकरण.
पेयजल समस्या लेकिन जीत हार जातिगत
भीम विधानसभा में पेयजल की समस्या है जिसे अशोक गहलोत सरकार ने विधायक रहे सुदर्शन सिंह रावत ने विधानसभा में उठाया था. लेकिन राजनीतिक जानकर बताते हैं कि यहां जीत हार समस्या नही जातिगत समीकरण तय करते हैं. इस सीट से हमेशा से रावत समाज के उम्मीदवार की विधायक बनते आ रहे हैं. यहीं नहीं इस सीट से अब तक एक ही महिला उम्मीदवार खड़ी हुईं और उन्होंने जीत दर्ज की.
यहां का इतिहास और सियासी समीकरण जानिए राजनीतिक विश्लेषक डॉ. कुंजन आचार्य से
डॉ. कुंजन आचार्य बताते हैं कि भीम विधानसभा सीट रावत बहुल सीट है, जहां से अब तक रावत समाज के उम्मीदवार ही जीतते आए हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी के रहे हो. 1998 में बीजेपी ने इस रावत मिथक को तोड़ने के लिए धर्मचंद देरासरिया को टिकट दिया था लेकिन वह बुरी तरह पराजित रहे. यह सीट देवगढ़ को भी कवर करती है जो कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का ससुराल है. उनके साले मांधाता सिंह के लिए 1990 में बीजेपी ने अपनी सीट छोड़ दी थी. यानी वह जनता दल से जीते थे और जनता दल से समझौते के तहत बीजेपी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतरा था. बाद में मांधाता सिंह बीजेपी में शामिल हो गए थे. देवगढ़ राज परिवार की ही रानी लक्ष्मी कुमारी चूंडावत 1980 में विधायक रही थी. वह प्रख्यात साहित्यकार और सैकड़ों पुस्तकों की रचयिता थी.
भीम विधानसभा सीट राजसमंद जिले में आती है. 2018 में भीम में कुल 35 प्रतिशत वोट पड़े. कांग्रेस के सुदर्शन सिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी के हरि सिंह रावत को 4 हजार वोटों के मार्जिन से हराया था. सुदर्शन सिंह पहली बार एमएलए बने लेकिन उनकी मतदाताओं में अच्छी पकड़ है.
यहां प्राय किसी मुद्दे की बजाय जातिगत मुद्दा या समीकरण ही हावी रहते हैं और इस चुनाव में भी यही देखने को मिल सकता है. पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए कांग्रेस से सुदर्शन सिंह का टिकट तय माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी के सामने एक मजबूत कैंडिडेट तय करने की प्राथमिकता रहेगी.भीम विधानसभा सीट राजसमंद के अंतर्गत आती है. इस सं सदीय क्षेत्र से सांसद हैं दीया कुमारी भारतीय जनता पार्टी से हैं. उन्होंने कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को 551916 से हराया था.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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