Jaipur News: अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) की दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद संबंध अब सुधरते नजर आ रहे हैं. गुरुवार को जयपुर में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई.इस बैठक में सचिन पायलट,प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक मंच पर थे. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे. गहलोत न पायलट के भाषण को ध्यान से सुना भी. यह कह सकते हैं कि करीब डेढ़ साल बाद दोनों नेताओं ने मंच साझा किया और एक साथ नजर आए.
दिल्ली में हुई बैठक का असर
दिल्ली में छह जुलाई को हुई कांग्रेस की बैठक के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नजर आ रहा है.कांग्रेस के नवनियुक्त पदाधिकारियों की सूची में भी यह नजर आया.दिल्ली में हाईकमान के साथ हुई बैठक के बाद पायलट ने कहा था कि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी तीन मांगों पर पार्टी और सरकार में सहमति बन गई है.पार्टी ने विश्वास जताया कि संगठन और सत्ता मिलकर काम करेंगे तो हम 25 साल पुरानी परिपार्टी तोड़ सकेंगे. दरअसल पायलट पेपर लीक के दोषियों के लिए कड़ी सजा, आरपीएससी मेंबर्स के चयन के मापदंड तय करने और वसुंधरा राजे के सरकार में करप्शन के मुद्दे की बात कह रहे थे. अशोक गहलोत की सरकार ने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं. सरकार के इन कदमों को पायलट के साथ सुलह की कोशिशों के रूप में देखा गया.
राजनीति में क्या चलता है?
ब्लॉक कांग्रेस के प्रमुखों के सम्मेलन को पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधित किया. उनके बाद सचिन पायलट ने संबोधित किया. पायलट ने कहा कि डोटसरा जी का ये पहल स्वागतयोग्य है. ये मीटिंग बहुत महत्वपूर्ण है.जीतने की दिशा में काम करना है तो तेरा-मेरा छोड़ना पड़ेगा.डंडा-झंडा लेकर आपको जाना है. 31 जुलाई को वोटर लिस्ट का काम खत्म हो रहा है. जो छूट गया है उसका नाम जुड़वाने और फर्जी मतदाताओं का नाम निकलवाने जैसे कामों को आपको करना पड़ेगा. हमारी पार्टी में चुनाव हुआ.ऐसी कौन सी पार्टी है जहां ऐसा अध्यक्ष बना.खरगे जी भारी बहुमत से चुनाव जीते और एक दलित समुदाय का व्यक्ति कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना. पायलट ने आगे कहा,''हम यहां थोड़ा बहुत आना-कानी करते रहेंगे, ये सब चलता है राजनीति में.पर मुद्दे और सिद्धांत पहले भी उठाते रहे हैं.''
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