Rajasthan News: राजस्थान के बीकानेर में अजब-गजब मामला देखने को मिला है. बीकानेर की सेंट्रल जेल में एक आरोपी हत्या और एनडीपीएस के मामले में बंद था. हत्या के मामले में उसे तीन साल की सजा हुई थी, जिसमें उसे कोर्ट की तरफ से जमानत मिल गई थी, लेकिन एनडीपीएस केस में उसे जमानत नहीं मिली थी. जेल अधिकारियों ने उसे गलती से रिहा कर दिया. यहीं नहीं जेल वालों की गलती को सही कराने के लिए खुद अपराधी वकील को लेकर कोर्ट पहुंचा, जहां से कोर्ट ने उसे वापस जेल भेज दिया.


जानें क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी मदनलाल खीचड़ पर हत्या और मादक पदार्थों की तस्करी के मामले दर्ज थे. एडीजे कोर्ट ने हत्या के मामले में मदनलाल को 3 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन इस मामले में जमानत मिल गई थी. जमानत मिलने के बाद बुधवार को जेल प्रशासन ने उसे रिहा कर दिया. जेल प्रशासन भूल गया कि मदनलाल पर एनडीपीएस के तहत भी केस दर्ज है जिसको लेकर उसे जेल में ही रखना था.


गुरुवार को जब कोर्ट से वारंट आया तब जेल प्रशासन को अपनी गलती का पता चला. इसके बाद जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने इसकी सूचना एसपी कावेंद्र सिंह सागर को दी और आरोपी मदनलाल खीचड़ की तलाश शुरू की गई. जिले भर में मदनलाल की तलाशी के लिए छापेमारी की गई लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया तो पुलिस प्रशासन के भी हाथ पांव फूलने लगे.


आखिरकार, मदनलाल खीचड़ खुद अपने वकील के साथ शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर करने के लिए पहुंचा. इसके बाद जेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने राहत की सांस ली. फिलहाल, जेल अक्षीक्षक द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि आरोपी मदनलाल खीचड़ और उसके साथियों पर 2 अगस्त 2007 को भूमि विवाद में एक व्यक्ति की हत्या करने का आरोप लगा था. इसका मुकदमा चल रहा था, इसे मामले में उसे जमानत दी गई थी. लेकिन इसके बाद 13 जून, 2024 को उसे मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जिसको लेकर उसे जेल में ही रखा गया है.


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