CJI DY Chandrachud In Rajasthan: देश के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर डीवाई चंद्रचूड़ मुख्य तिथि के रूप में रविवार (10 मार्च) को बीकानेर जिले के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किए गए कार्यक्रम "हमारा संविधान हमारा सम्मान अभियान" में शामिल हुए थे. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बीकानेर में समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ई-कोर्ट फेस 3 की शुरुआत की गई है.


बीकानेर जिले में उच्च न्यायालय की वर्चुअल बेंच की स्थापना की घोषणा करते हुए कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोग एक दूसरे के साथ लड़ेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. बीकानेर वर्चुअल बैंच की घोषणा होने के बाद जोधपुर के अधिवक्ता इस फैसले के विरोध में उतर गए हैं. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन जोधपुर और राजस्थान हाई कोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर की कार्यकारिणी ने इसका विरोध जताते हुए 10 मार्च को टोकन स्ट्राइक की घोषणा कर दी है.


राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद पुरोहित ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए बताया कि बार-बार जोधपुर के अधिवक्ता को ही क्यों टारगेट बनाया जा रहा है. सीजेआई चंद्रचूड़ को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने उन्हें वहां क्यों बुलाया था. वहां पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह घोषणा की कि बीकानेर में राजस्थान हाईकोर्ट की वर्चुअल बेंच हम तुरंत शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने फंड की भी घोषणा की थी.


'नहीं तो इस आंदोलन को उग्र करना होगा'


बीकानेर वर्चुअल बैंच शुरू करने का विरोध पूरे मारवाड़ के अधिवक्ता कर रहे हैं. हमने अर्जेंट मीटिंग कॉल की थी. उसमें हम सभी अधिवक्ताओं ने विचार विमर्श करने के बाद 10 मार्च को एक टोकन स्ट्राइक करके इसका विरोध जताने का निर्णय लिया है. वो इसलिए की जोधपुर के जितने जनप्रतिनिधि चुनकर गए हैं. वो खुद इसका विरोध करें. जबकि बीकानेर के जनप्रतिनिधि अर्जुन राम मेघवाल ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए इसकी घोषणा करवाई है. उनका विरोध जनप्रतिनिधि खुद क्यों ना करें. इस विरोध को यहीं विराम मिल जाए. नहीं तो इस आंदोलन को हमें उग्र करना होगा.


जनरल हाउस की मीटिंग के बाद तय होगी रणनीति


राजस्थान हाई कोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया ने कहा कि यह घोषणा राजनीतिक घोषणा है. कुछ दिनों बाद लोकसभा के चुनाव होने है. उसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए की गई घोषणा का हम विरोध करते हैं. 10 मार्च को टोकन स्ट्राइक की जाएगी.10 मार्च को हमारे जनरल हाउस की मीटिंग के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. हम यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. जोधपुर हाईकोर्ट के टुकड़े हो.


जोधपुर का पहला टुकड़ा जयपुर हुआ. उसका विरोध आज भी हम लोग कर रहे हैं. उसका हर्जाना आज भी जनता भुगत रही है. जयपुर टुकड़ा होने का विरोध जोधपुर के अधिवक्ता पिछले 40 साल से महीने के अंतिम दिन स्ट्राइक करके करते हैं.


जोधपुर को किया जा रहा है टारगेट?


एडवोकेट सज्जन सिंह कर्णावत ने कहा कि राजस्थान की जोधपुर न्यायिक राजधानी है. जोधपुर को टारगेट किया जा रहा है. यहां के जनप्रतिनिधि गजेंद्र सिंह शेखावत और पाली के सांसद पीपी चौधरी जो खुद अधिवक्ता हैं. राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत हैं. इन्हीं सब के होते हुए भी क्यों हमारे जोधपुर के साथ कुठाराघात किया जा रहा है.


अधिवक्ता नाराज गोस्वामी ने कहा कि जोधपुर को लगातार टारगेट किया जा रहा है. न्यायालय में वैसे भी न्यायाधीशों की कमी है. उसके बावजूद जो बीकानेर के मामले थे. वो मामले जोधपुर इस फैसले के बाद नहीं आएंगे. इससे अधिवक्ताओं को नुकसान है.


अधिवक्ता विजेंद्र ने कहा कि न्याय के टुकड़े नहीं होने देंगे. जोधपुर उच्च न्यायालय के टुकड़े होने नहीं देंगे. इसके लिए हम आंदोलन करेंगे और अंतिम सांस तक आंदोलन के जरिये लड़ाई लड़ेंगे. अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने कहा कि यह जोधपुर के साथ कुठाराघात है.


इस कुठाराघात को हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. मारवाड़ के 50 हजार अधिवक्ता इसका विरोध करेंगे और अंतिम सांस तक इसका विरोध करेंगे. जोधपुर के टुकड़े नहीं होने देंगे.


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