Rajasthan Politics: बीजेपी बोली- शहरी क्षेत्र के किसानों के साथ भेदभाव कर रही है सरकार, दी आंदोलन की चेतावनी
Rajasthan News: बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राजस्थान सरकार शहरी क्षेत्र या जिन गांवों में 24 घण्टे का फीडर है, वहां के किसानों को 2000 यूनिट का फायदा नहीं मिल रहा है. उसने आंदोलन की चेतावनी दी है.
Kota News: बीजेपी ने आरोप लगाया है कि शहरी और नगरीय क्षेत्र या जिन गांवों में 24 घंटे का फीडर है, वहां के किसानों को 2000 यूनिट का फायदा नहीं मिल रहा है.बीजेपी के प्रदेश मंत्री और किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्र के किसानों के साथ दो तरह का व्यवहार कर रही है.एक तरफ तो 2000 यूनिट फ्री बिजली करने का वादा कर वह वाहवाही लूट रही है, वहीं दूसरी तरफ शहरी और नगर पालिका और जो गांव फीडर 24 घण्टे से जुड़े हैं, उन गांवों के किसानों को 2000 यूनिट फ्री बिजली से वंचित कर दिया गया है.जबकि इन किसानों की प्रति यूनिट रेट छह घण्टे वाले किसानों से दोगुनी है.
संभागीय आयुक्त कार्यालय घेरने की चेतावनी
नागर ने मीडिया से कहा कि यदि सात दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान संभागीय आयुक्त कार्यालय को घेरेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे पूरी नहीं होने तक वो वहीं डटे रहेंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार पर वर्तमान में तीनों बिजली कंपनियों का 70 से 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. सब्सीडी के नाम पर जो पैसा राज्य सरकार को वहन करना है, वो पैसा सरकार बिजली कम्पनियों को नहीं दे रही है. इस वजह से बिजली कम्पनियां भी बिजली खरीद नहीं कर पा रही हैं. इससे घाटा लगातार बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि बिजली विभाग अघोषित कटौती कर रहा है. वर्तमान में 5 से 6 घण्टे बिजली कटौती हो रही है. नागर ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए किसानों को हो रही परेशानी को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि किसानों के जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए 20 से 25 दिन इंतजार करना पड़ता है. वहीं जिन किसानों ने लोड बढ़ाया है या कटा हुआ कनेक्शन चालू करवाया है, उन्हें ढेड़ महीने तक भी ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहे हैं.
बिजली कंपनियों की बदहाली
बीजेपी नेता ने कहा कि बिजली कम्पनियां आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. इसकी वजह से बिजली कम्पनियां ट्रांसफार्मर नहीं खरीद पा रही हैं. सिर्फ मरम्मत करके ही काम चला रही हैं. हीरा लाल नागर ने कहा कि किसानों के खेत से ट्रांसफार्मर या उसका तेल चोरी होने के बाद किसान बिजली विभाग को शिकायत देता है. बिजली विभाग अधिकारी रिपोर्ट को पुलिस थाने में भिजवा देते हैं, लेकिन पुलिस ट्रांसफार्मर या तेल चोरी की रिपोर्ट महीने में एक बार ही दर्ज किया जाता है. इससे रिपोर्ट से लेकर ट्रांसफार्मर एलॉटमेन्ट तक किसानों को ढेड़ से दो माह तक इंतजार करना पड़ता है.
बीजेपी नेता ने कहा कि यदि उसी दिन रिपोर्ट दर्ज हो जाए तो किसान को समय पर ट्रांसफार्मर मिल सकेगा.उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में एक भी पावर प्लांट नहीं लगा है. उत्पादन की कमी के कारण लोड सेटिंग के नाम पर अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. सरकार मांग के अनुरूप बिजली खरीद नहीं कर रही है. बिजली का उत्पादन भी सरकार नहीं बढ़ा पा रही है.
कैसे होगी घाटे की भरपाई
उन्होंने कहा कि तीनों बिजली कम्पनियां घाटे की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने फ्यूल चार्ज के नाम पर अवैध वसूली का खेल खेल रही है. 100 यूनिट बिजली फ्री की भरपाई करने को लेकर तरह-तरह के फ्यूल चार्ज बढ़ाए जा रहे हैं. सरकार चार तरह के फ्यूल चार्ज ले रही है. ये फ्यूल चार्ज 3 से 4 साल पुराने बिजली उपभोग पर लगाया जा रहा है.
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