Rajasthan News: राजस्थान में भजनलाल शर्मा की सरकार में दो डिप्टी सीएम ने शपथ ली है. ऐसा पहली बार है जब राजस्थान में बीजेपी ने दो डिप्टी सीएम बनाये हैं. दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के माध्यम से कई सियासी संकेत दिए जा रहे हैं. जिसमें पहली बार बीजेपी ने जयपुर राजघराने से किसी को डिप्टी सीएम बनाया है. पूरे राजस्थान में इसका असर भी माना जा रहा है. क्योंकि, अभी तक जयपुर राजघराने से किसी को न तो बीजेपी ने और न ही कांग्रेस ने डिप्टी सीएम बनाया था.
दिया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाकर बीजेपी ने महिला सशक्तिकरण कानून पर एक बड़ी पहल भी कर दी है. इस कदम को बीजेपी द्वारा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर क्षत्रियों को एकजुट करने का आह्वान भी माना जा रहा है. वहीं प्रेमचंद बैरवा के माध्यम से बीजेपी इसे बड़ा दांव मान रही है. पहली बार बीजेपी ने दलित को डिप्टी सीएम बनाया है.
'दिया को मजबूत विकल्प मान रही बीजेपी'
दिया कुमारी राजस्थान के अलग-अलग तीन जिलों से विधायक और सांसद का चुनाव जीत कर एक बड़ा संदेश दे चुकी हैं. इतना ही नहीं इनके चुनाव जीतने के वोटों की मार्जिन बहुत बड़ा रहता है. इस बार भी राजस्थान में सबसे अधिक वोटों के अंतर से दिया कुमारी ने चुनाव जीता है. सवाईमाधोपुर, राजसमंद और जयपुर जिले के वोटर्स पर इनकी मजबूत पकड़ माना जाती है. दिया को बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व एक मजबूत विकल्प मान कर चल रहा है. रियासतों के जानकार जितेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि "दिया कुमारी ने लगातार कई चुनाव जीतकर यह संकेत दिया है कि उनकी राजस्थान की जनता में अच्छी पकड़ और स्वीकार्यता है. इस बात को परखने के बाद ही बीजेपी ने दस साल बाद दिया को अहम जिम्मेदारी दी है."
एससी वोटर्स को साधने के बीजेपी का प्लान
प्रेमचंद बैरवा को बीजेपी ने डिप्टी सीएम बनाकर एक मजबूत सन्देश दिया है. क्योंकि, इस बार बीजेपी को एससी वोटर्स ने खूब मतदान किया है. राजस्थान में एससी के लिए कुल 34 सीटें आरक्षित हैं. जिनमें से बीजेपी ने इसबार 22 सीटों पर जीत दर्ज की है और कांग्रेस 11 सीटें जीत पाई है. एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है. ऐसे में बीजेपी एससी वोटर्स को मजबूती से साधने के लिए प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर एक संदेश दिया है. पिछले चुनाव में एससी सीटें कांग्रेस के पक्ष में गई थी. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने एससी वोटर्स को साधने के लिए बड़ा निर्णय लिया है. राजस्थान की राजनीति के जानकार डॉ. मनीष शुक्ला का कहना है कि बीजेपी को जातिगत समीकरण साधने पर यहां बड़ा फायदा हुआ है. आगे भी इसी समीकरण को मजबूत करना होगा.
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