Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: देशभर में लोकसभा 2024 के चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. भारतीय जनता पार्टी का मिशन 400 पार सीटों पर जीत का दावे के साथ ही शनिवार (2 मार्च) को बीजेपी ने अपने 195 लोकसभा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इस सूची में राजस्थान की 15 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. पांच मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया गया हैं. 


वहीं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए दो नेताओं को भी भारतीय जनता पार्टी ने अपना लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है. पूर्व सांसद और जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी. ज्योति मिर्धा को बीजेपी ने नागौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. इसका सीधा असर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी पर पड़ेगा. ज्योति मिर्धा 15वीं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी से सांसद बनीं. 


हार के बाद भी ज्योति मिर्धा को मिला मौका
2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को हराकर नागौर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. 2014 की लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कर चौधरी से चुनाव हार गई थीं. 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी के हनुमान बेनीवाल से चुनाव हार गईं. राजस्थान के 2023 के विधानसभा चुनाव में ज्योति मिर्धा ने भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में ज्योति मिर्धा को हार का सामना करना पड़ा था. 


महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मिला टिकट
वहीं हार के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने ज्योति मिर्धा को लोकसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर आए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को अपना प्रत्याशी बनाया है. बता दें महेंद्रजीत सिंह मालवीय वागड़ा क्षेत्र के दिग्गज नेता माने जाटे हैं.  महेंद्रजीत सिंह मालवीय चार बार विधायक और एक बार एमपी भी रह चुके हैं. महेंद्र सिंह मालवीय के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी.


महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने 1998 में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे थे. महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते थे. कांग्रेस छोड़ने के साथ ही उन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया है.