Rajasthan CM Face of BJP: राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इसके साथ ही, सतीश पूनिया मिशन 2023-24 के लिए जुट गए हैं. सतीश पूनिया राजस्थान बीजेपी के छठवें ऐसे अध्यक्ष हैं, जिन्होंने अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा किया है. पूनिया आमेर विधानसभा से विधायक हैं और इन दिनों राज्य में चल रही जन आक्रोश रथ सभाओं (Jan Akrosh Rally) में व्यस्त हैं.
सतीश पूनिया ने एबीपी लाइव को संगठन से जुड़े और चुनाव संबधित कई सवालों का जवाब दिया है. बीजेपी किसके चेहरे पर 2023 का चुनाव लड़ेगी और किन तीन काम की वजह से सरकार बनाएगी. इन सभी मुद्दों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बात की.
तीन साल के कार्यकाल में क्या रहीं चुनौतयां?
डॉ. सतीश पूनियां (Satish Poonia) का कहना है कि बड़ी पार्टी के मुख्यकार्यकर्ता के नाते यह तीन साल का कार्यकाल आसान तो नहीं था, लेकिन मैं केंद्रीय नेतृत्व का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझपर भरोषा किया. मैं किसान परिवार से आता हूं. हमारे लिए पहली चुनौती थी कि पार्टी को धरातल तक पहुंचाना था. आज हमें ख़ुशी है कि 49 हजार बूथों तक पार्टी की इकाई सक्रीय होकर काम कर रही है.
पहले जो बीजेपी के मोर्चे थे वो या तो प्रदेश या कुछ जिलों तक ही समिति थे, लेकिन आज सभी सातों मोर्चे मंडल और विधान सभा स्तर तक मुखरता के साथ काम कर रहे है. मैं अपने तीन साल के कार्यकाल से पूरी तरह से संतुष्ट हूं.
कार्यकाल में उपचुनावों में लगातार मिली हार
हमारे तीन साल के कार्यकाल में हुए उपचुनावों में हार मिली है, मुझे यह स्वीकार्य करने में कोई परहेज नहीं है, लेकिन ये हार कोई नियोजित हार नहीं है. ये वो सीटें थी जो भाजपा के मिजाज की कभी नहीं थी. इन सभी सीटों पर सहानभूति का असर दिखा. सरदारशहर सीट की बात करें तो 16 बार हुए चुनाव में बस एक चुनाव में बीजेपी को जीत मिली है.
वल्लभनगर विधान सभा सीट पर केवल एक बार भाजपा को जीत मिली है. मैं, इन सीटों पर कोई चमत्कार करने की स्थिति में नहीं था. क्योंकि ये सभी सीटें सहानभूति में थी. कांग्रेस के पक्ष में कोई लहर नहीं थी. हमने पंचायतीराज में जो बड़ा उलटफेर किया उसकी चर्चा कोई नहीं करता है. राजस्थान के इतिहास में पहली बार विपक्ष ने 33 जिलापरिषद में से 19 पर जीत दर्ज की है.
सीएम का चेहरा और सीट का क्या लक्ष्य है ?
गुजरात के विधान सभा चुनाव का परिणाम का असर राजस्थान में भी दिखेगा. इस बार गुजरात की तरह हम लोग 175 से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. हमारे सर्वे भी यही बात सामने आया है. सरकार के खिलाफ इस बार बहुत आक्रोश है. पार्टी के कार्यकर्तों के परिश्रम के दम पर हम चुनाव जीतेंगे. 175 सीट से अधिक जीतना ही है. पार्टी की पूरी तैयारी है. कमल का फूल है जिसके नीचे हम काम करेंगे. हमारे यहां पार्टी के भीतर चेहरे की चर्चा नहीं होती है, पार्टी के बाहर होती होगीय पीएम मोदी नाम और काम सभी चेहरों से बड़ा है. पार्टी जिसको तय करेगी हम उसके साथ रहेंगे. हमारे यहां आलाकमान बहुत मजबूत है. जो तय होगा हम वहीं करेंगे.