Devi Singh Bhati Vs Rajendra Rathore: राजस्थान में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगे झटके के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने राजेंद्र राठौड़ को निशाने पर लिया है. इसके पीछे कई बातें सामने आ रही हैं.
दरअसल, जिस तरह से राजस्थान में लोकसभा चुनाव के परिणाम आए हैं उसके बाद अब बीजेपी ने समीक्षा करना शुरू कर दिया है. जातिगत क्षेत्रवार समीक्षा हो रही है. ऐसे में कई नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. जिनमें क्षत्रिय समाज की तरफ से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा हो रही है.
क्या बोले देवी सिंह भाटी?
इसके लिए 69 साल के राजेंद्र राठौड़ दिल्ली में डटे हुए हैं. राठौड़ के समर्थन में यहां पर तमाम नेता हैं. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कई विधायक भी चाहते हैं राजेंद्र राठौड़ को मुख्य भूमिका में लाया जाए. मगर, उसके पहले ही अब बीजेपी के बुजुर्ग नेता देवी सिंह भाटी ने दूसरे मुद्दे पर राठौड़ को घेर लिया है.
78 साल के भाटी ने कहा, ''राजेंद्र राठौड़ ने ऐसी गोटियां खेली, केंद्र में जाकर...ऐसा नक्शा बिगड़ा कि जाट जो समर्थक थे बीजेपी के, वो भी नहीं रहे. इससे बड़ा नुकसान हुआ. टिकट वितरण में भी राय ली जाती तो इससे ये स्थिति नहीं बनती.''
देवी सिंह ने राहुल कस्वां पर खेला दांव ?
राहुल कस्वां जाट नेता हैं. शेखावटी में इस बार बीजेपी की कोई सीट निकल नहीं पाई है. इसके लिए कुछ बीजेपो नेता राजेंद्र राठौड़ पर आक्रामक हो रहे हैं. देवी सिंह भाटी को वसुंधरा राजे गुट का माना जाता है. राहुल कस्वां परिवार को भी उसी गुट में माना जाता है.
इसलिए अब राहुल के टिकट कटने की जो राजनीति उस समय नहीं हो पाई अब उसपर सियासत शुरू हो गया है. वही. देवी सिंह भाटी न तो विधायक और न ही सांसद हैं. मगर, इस बुजुर्ग अवस्था में भी उन्होंने अपनी तरफ पार्टी ध्यान खींचा है.
अध्यक्ष और राज्यसभा सीट पर मंथन
राजस्थान में बीजेपी अध्यक्ष के बदले जाने की सुगबुगाहट तेज है. ऐसे में कई नामों पर मंथन हो रहा है. लेकिन राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है. उसपर भी बीजेपी के जाट और क्षत्रिय नेताओं की नजर बनी हुई है. मगर, भाटी के इस बयान से कई समीकरण नए बनने लगे है. कहीं, बीजेपी किसी दूसरी जाति के नेता को आगे बढ़ाने पर काम करने लगी है. एमबीसी समाज के सुधार, गुर्जर और सैनी पर दांव खेलने की ओर बढ़ सकती है.