Rajasthan Politics: राजस्थान में सात नए जिलों की मान्यता खत्म करने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा नए जिलों को रद्द करने का फैसला सत्ताधारी पार्टी में ही नाराजगी की वजह बन रहा है. अब राजस्थान में जिले रद्द होने पर बीजेपी के एक पदाधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है. 


दरअसल, अनूपगढ़ के बीजेपी नगर मंडल मुकेश शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को पत्र लिख कर अपने पद से रिजाइन कर दिया है. प्रदेश अध्यक्ष को दिए पत्र में उन्होंने लिखा, "मदन लाल राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष. विष्य: त्यागपत्र देने बाबत. उपरोक्त विषय‌ में निवेन है कि राज्य मंत्रिमंडल बैठक में अनूपगढ़ के साथ हुए अन्याय के विरुद्र में बीजेपी नगर मण्डल अनूपगढ़ के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे रहा हूं. कृप्या स्वीकार कर अनुगृहित करें."


ये जिले और संभाग हुए निरस्त
गौरतलब है कि राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने 9 जिलों और 3 संभागों को निरस्त कर दिया है. सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार की मीटिंग में ये फैसला लिया गया. इसके बाद अब राजस्थान में फिर से 41 जिले और 7 संभाग हो जाएंगे. जिन जिलों को रद्द किया गया है, उनमें दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिले शामिल हैं. वहीं, पाली, सीकर और बांसवाड़ा संभाग को भी निरस्त कर दिया गया है.


कांग्रेस ने किया बीजेपी सरकार के फैसले का विरोध
राजस्थान के विपक्षी दल कांग्रेस ने भजनलाल सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार के निर्णय के खिलाफ सड़क से सदन तक विरोध जताया जाएगा. टीकाराम जूली ने कहा कि यह सरकार चलने नहीं देंगे. ये दुर्भावनापूर्ण निर्णय है, जिसका विरोध होगा. 


वहीं, अशोक गहलोत ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि मध्य प्रदेश राजस्थान से छोटा जिला है, लेकिन वहां 53 जिले हैं. राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन उस अनुपात में नहीं हुआ था. 


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