BJP Leader Satish Poonia Attack on Rajasthan Government Over Alwar Case: राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) जिले में नाबालिग के साथ हुई हैवानियत को लेकर राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने आरोप लगाया है कि मामले में अपराधियों को बचाया जा रहा है. पूनिया ने शुक्रवार रात ट्वीट किया कि, ''घटना के संदर्भ में विशेष जांच दल की रिपोर्ट आए बिना पुलिस द्वारा दुष्कर्म जैसी किसी भी घटना से इनकार कर उसे दुर्घटना बताया जाना राजस्थान सरकार की नीयत और नाकामी पर सवाल खड़े करता है. राज्य सरकार अपराधियों को क्यों बचा रही है?''
अपराधियों को मिले फांसी की सजा
पूनिया ने ये भी कहा कि, ''इस पूरे घटनाक्रम की तत्काल निष्पक्ष जांच एवं अपराधियों की फांसी की सजा की मांग करती है. इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए राजस्थान भाजपा 17 एवं 18 जनवरी को राज्य के सभी मंडलों पर व्यापक विरोध प्रदर्शन का ऐलान करती है.'' वहीं, नाबालिग के साथ हुई घटना को लेकर सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा है कि, इस प्रकरण में राजनीतिक दलों की तरफ से अनर्गल बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए.
सीएम गहलोत ने कही ये बात
सीएम अशोक गहलोत ने ये भी कहा कि पुलिस को स्वतंत्र रूप से मामले की जांच पूरी करने देनी चाहिए. शुक्रवार रात मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि, ''पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है. हालांकि पुलिस को अभी ये पता नहीं लगा है कि नाबालिग को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं?'' सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ''अलवर में विमंदित (मानसिक रूप से कमजोर) बालिका के प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, एसपी अलवर और बालिका का इलाज कर रहे वरिष्ठ डॉक्टरों से संपर्क बना हुआ है. पुलिस महानिदेशक को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष अनुसंधान कर शीघ्र मामले की तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं. अलवर एसपी की सहायता के लिए राज्य स्तर से उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में अनुसंधान के लिए अलग से टीम भेजी गई है.''
रेप की आशंका से इनकार
गौरतलब है कि, बच्ची मंगलवार को अपने घर से घंटों लापता रहने के बाद घायल अवस्था में अलवर के तिजारा पुल के पास मिली थी. उसे तत्काल अलवर के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां से उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया. बुधवार को डॉक्टरों ने उसकी लंबी और जटिल सर्जरी की. अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने शुक्रवार को संवादाताओं से बातचीत में कहा था कि मेडिकल विशेषज्ञों की टीम ने पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें बच्ची के साथ रेप की आशंका से इनकार किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक ये पता नहीं चला है कि 14 वर्षीय बच्ची को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं.
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