राजस्थान में विधानसभा और फिर लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए इसमें मेवाड़ में भाजपा के सांसद और विधायकों ने जीत हासिल की. चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा जनजातीय क्षेत्र में विकास का था. इसी को लेकर भाजपा के उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, राजसमंद सांसद महिमा कुमारी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, राजस्थान कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित विधायक और जनजातीय आयुक्तालय के अधिकारी शामिल थे. इसमें आदिवासी क्षेत्र में विकास को लेकर सुझाव भी आए और निर्णय भी लिए.
क्या है योजना जानिए
दरअसल, केंद्र सरकार के विकसित भारत मिशन अंतर्गत विकसित राजस्थान-2047 अभियान के तहत जनजाति उपयोजना क्षेत्र का विजन दस्तावेज तैयार करने को लेकर बैठक हुई. इसी में विकसित राजस्थान अभियान के तहत प्रदेश में 14 सेक्टर तय किए गए है. इसमें सामाजिक संरक्षण के तहत जनजाति कल्याण को शामिल किया गया है. जनप्रतिनिधियों और हितधारकों के सुझावों के आधार पर 30 जून तक विजन दस्तावेज तैयार कर राज्य में भेजे जाएंगे. जहां से केंद्र सरकार को भेजेंगे.
कैबिनेट मंत्री ने कहा- पैसों की कमी नहीं
कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि जनजाति अंचल के लिए योजनाएं बहुत हैं, धन की भी कोई कमी नहीं, आवश्यकता है कि क्षेत्र की जरूरत को समझते हुए काम किया जाए. उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचल का सही मायनों में विकास करना है तो स्थानीय संसाधनों के समुचित उपयोग पर बल देना होगा. जैसे वन उपज संग्रहण एवं उसने उत्पाद तैयार करना और उन्हें मार्केट देने पर काम होना चाहिए, मछली पालन को बढ़ावा, युवाओं लाइब्रेरी, ई-लाईब्रेरी और प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सुविधा देने पर बढावा दिया जाएगा.
सांसद का फोकस मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाने का
उदयपुर के नवनिर्वाचित सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने, उसे नेशनल हाइवे से जोड़ने, बेणेश्वर धाम को विश्व पटल पर स्थापित करने, केसरियाजी, देव सोमनाथ, बेणेश्वर धाम और मानगढ़ धाम को पर्यटन सर्किट रूप में विकसित करने के सुझाव दिए. साथ ही जनजाति अंचल की सांस्कृतिक धरोहर गवरी के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर का संस्थान स्थापित जाए. उदयपुर में माइनिंग विश्वविद्यालय के लिए पुरजोर प्रयास करेंगे. बड़े जलाशयों को आपस में जोड़ने की योजना तैयार की जाएगी सहित कई सुझाव दिए.