Rajasthan News: नेताओं पर कई आरोप-प्रत्यारोप लगते हुए देखे हैं, लेकिन मेवाड़-वागड़ (Mewar Wagad) के एक विधायक का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां विधायक ने टैक्सी खरीदने के लिए पौने चार लाख रुपये का लोन लिया, लेकिन उस लोन की राशि ही नहीं चुकाई. इसके बाद विधायक के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया, जिसमें उनको जमानत लेनी पड़ गई. बड़ी बात यह है कि उन्होंने जो चेक दिया वह भी बाउंस हो गया. अब विधायक कंपनी से बात कर मामले का सुलझाने में लगे हुए हैं. 


यह मामला है वागड़ के बांसवाड़ा (Banswara) जिले के गढ़ी विधानसभा से बीजेपी (BJP) विधायक कैलाश मीणा (Kailash Meena) का. दरअसल, विधायक ने 19 साल पहले साल 2004 में अनुजा निगम जो सरकार की योजनाओं के तहत लोन वितरण का काम करती है और बैंक की तरह ही चलती है, उससे 3.79 लाख रुपये का टैक्सी खरीदने के लिए लोन लिया था.  विधायक ने  साल 2009 तक इसकी तीन किश्ते भी चुकाईं.  इसके बाद किश्त जमा नहीं होने के कारण अनुजा निगम ने उनको नोटिस भेजे. फिर विधायक मीणा ने एक चेक दिया. वो भी बाउंस हो गया.


कोर्ट में नहीं हुए उपस्थित तो वारंट हुआ जारी
इसके बाद निगम ने साल 2015 में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास वाद दायर किया. साथ ही लोन नहीं भरने पर विधायक को पेनाल्टी लगाई, जिससे राशि करीब पौने सात लाख रुपये तक पहुंच गई. वहीं कोर्ट ने वाद दायर होने के बाद  विधायक को उपस्थित होने के आदेश दिए, लेकिन विधायक मीणा नहीं हुए. इस पर कोर्ट ने हाल ही में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया. इस पर विधायक को जमानत लेनी पड़ गई. वहीं इस मामले पर इस पर विधायक मीणा से एबीपी न्यूज ने बता की.


उन्होंने बताया कि अनुजा निगम में कोई स्थाई कर्मचारी नहीं रहते है. बीच में एक कर्मचारी को दो लाख रुपये दिए थे, लेकिन उसने जमा नहीं किया. अब तक पौने 3 लाख रुपये जमा करवा दिए गए हैं. कंपनी से बात चल रही है. पैसे जमा करवा कर मामले को सुलझा दिया जाएगा.


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