MP News: अपनी ही सरकार के खिलाफ बागी हुए बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी, इसलिए बदले अपने तेवर
MP Elections 2023: बीजेपी ने विधायक ने लोगों से 15 सितंबर को अपने क्षेत्र में बिजली विभाग के दफ्तर और अधिकारियों का घेराव करने को कहा है. साथ ही, बिजली का बिल भी नहीं भरने की अपील की है.
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के एक और विधायक विद्रोह की राह पर दिखाई दे रहे है. उन्होंने किसानों के लिए सरकार से राहत राशि मांगी है, वहीं बिजली का बिल जमा नहीं करने की अपील भी की है. बता दें कि मध्य प्रदेश के मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार अपने तेवर तीखे कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अल्प वर्षा के चलते फसल खराब हो जाने को लेकर पत्र लिखते हुए किसानों के लिए मुआवजा मांगा है. इसके अलावा 15 सितंबर को बिजली विभाग के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किए जाने की भी अपील की है.
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजली के भारी भरकम बिल समाप्त करते हुए लोगों को राहत देने का बयान दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि एक किलोवॉट बिजली का उपयोग करने वाले लोगों का सितंबर से नया बिल आएगा, जबकि पुरानी राशि उन्हें भरने की कोई आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि गरीबों का बिजली का बिल सरकार खुद भरेगी. इस बयान के आने के बाद मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि लोग बिजली के बिल, ट्रांसफार्मर और कटौती से बेहद परेशान है.
15 सितंबर को बिजली विभाग के घेराव की अपील
इसी के चलते उन्होंने लोगों से अपील की है कि 15 सितंबर को लोग अपने क्षेत्र में बिजली विभाग के दफ्तर और अधिकारियों का घेराव करते हुए प्रदर्शन करें. उन्होंने बिजली का बिल भी नहीं भरने की अपील की है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल खड़े किए हैं, बल्कि वे पहले भी आंदोलन कर चुके हैं.
मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर की यह मांग
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार विंध्य को अलग प्रदेश बनाने की मांग उठा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अल्पवृष्टि को लेकर चिट्ठी लिखकर यह मांग की है कि सरकार किसानों को इस विपरीत परिस्थिति में तुरंत मुआवजा देकर राहत पहुंचाने का काम करें. उन्होंने पत्र में लिखा है कि अल्प दृष्टि के कारण पूरे क्षेत्र की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. अब किसानों को केवल सरकारी मदद का ही सहारा है.
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