Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में लगातार तीसरी बार ब्यावर (Beawar) से बीजेपी (BJP) विधायक शंकर सिंह रावत (Shankar Singh Rawat), बेटे बलवीर सिंह रावत और निजी सुरक्षा गार्ड राजेंद्र सिंह के खिलाफ मारपीट के आरोप में केस दर्ज हुआ. इसके बाद रविवार को रावत मीडिया से रूबरू हुए. विधायक ने इस मामले में अपनी ही पार्टी के देहात जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा (Devishankar Bhutra) की संलिप्तता बताते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.


विधायक ने जिलाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप


राजस्थान (Rajasthan) में इस वर्ष विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होना हैं. इससे पहले ब्यावर जिले की सियासत में बड़ा भूचाल आ गया है. विधायक शंकर सिंह रावत ने देहात जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा पर सियासी षड़यंत्र रचने के गंभीर आरोप लगाए हैं. रावत ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष भूतड़ा ने नीलकंठ मंदिर के महंत और झूला संचालक से झूठे मुकदमे दर्ज करवाए हैं.


इसके बाद शिकायतकर्ताओं को साथ लेकर भूतड़ा ने पार्टी आलाकमान से शिकायत की है . विधायक ने इस संबंध में निवर्तमान पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, महामंत्री चंद्रशेखर व अन्य प्रदेश स्तरीय नेताओं से मुलाकात कर तस्वीरें भी दिखाई हैं. इन तस्वीरों में मुकदमा दर्ज कराने वालों के साथ भूतड़ा दिखाई दे रहे हैं.


हालांकि, अब सतीश पूनियां (Satish Poonia) खुद अध्यक्ष नहीं रहे हैं, लेकिन यह तस्वीरें सामने आने के बाद ब्यावर बीजेपी में बड़ा बवाल हो गया है.


संदिग्ध थी महंत की गतिविधियां


विधायक रावत ने आरोप लगाया कि नीलकंठ महादेव मंदिर के महंत सूरतनाथ की गतिविधियां संदिग्ध थी. मंदिर में आने के बाद वे अवांछित गतिविधियों में लिप्त हो गए. मंदिर की जमीन को खुर्द-बुर्द करने की सोच रखने लगे. झूला संचालक राजेंद्र चारण से मिलीभगत कर वहां झूले लगवा दिए. इस कारोबार में महंत की साझेदारी है. विधायक ने आरोप लगाया कि महंत की मौजूदगी के दौरान मंदिर परिसर में शराब पार्टियां और डांस पार्टियां होने लगी थी.


रात के वक्त वहां महिलाओं की आवाजाही रहती थी. झूलों में अवैध हथियार लहराने के वीडियो भी सामने आए. महिलाओं के साथ डांस पार्टी के वीडियो वायरल होने के बाद झूला संचालक और महंत को पांच गांव के लोगों ने हटा दिया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक साजिश का शिकार बनाकर बेवजह उन्हें बदनाम किया जा रहा है.


सियासी गलियारों में उठ रहे सवाल


ब्यावर विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं. लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या विधायक शंकर सिंह रावत के खिलाफ कोई साजिश रची गई है? क्या मुकदमे दर्ज करवाने में देहात जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा की भूमिका है?, क्या रावत को विधायक पद से हटाने के लिए भूतड़ा ने कोई खेल किया है? या मुकदमों से बचने के लिए भूतड़ा को रावत निशाना बना रहे हैं?


ब्यावर विधायक पर लगे थे यह आरोप


नीलकंठ महादेव मंदिर के महंत सूरतनाथ और झूला संचालक राजेंद्र सिंह चारण ने विधायक शंकर सिंह रावत पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी थी. पीड़ित राजेंद्र सिंह चारण ने सेंदड़ा थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि नीलकंठ महादेव मंदिर के पीछे पहाड़ी पर एडवेंचर्स गतिविधियों का संचालन करते हैं.


ग्राम पंचायत ने कार्य की अनुमति दी थी. मौके पर टिन शेड तथा लोहे के दो पिलर लगे हुए थे. वहां कर्मचारी ओम सिंह व नरेंद्र सिंह 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते थे. 


सीबी सीआईडी कर रही है जांच


इस दौरान ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत अपने पुत्र बलबीर, सुरक्षा गार्ड राजेंद्र सिंह, बलजीत भाटी उर्फ सोनू, सुनिल सिंह, हिम्मत सिंह, अर्जुन सिंह रावत, भवानी हाथों में तलवार, लाठी, सरियों से लैस होकर जेसीबी के साथ वहां पहुंचे. इस दौरान स्टाफ कर्मी ओम सिंह ने मौके से भागकर जान बचाई, लेकिन नरेंद्र सिंह को पकड़कर गुंडों ने बुरी तरह पीटा और जान से मारने की कोशिश की.


विधायक के गुंडों ने जेसीबी से नरेंद्र सिंह के रहने का लोहे का टीन शेड व केबिन को तोड़ दिया. सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और रिकॉर्डिंग की डीवीआर मशीन साथ ले गए. एडवेंचर्स एक्टिविटी के सामान को तोड़ दिया. रोप-वे, झूले व सामान की तोड़फोड़ के कारण 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. मामला मौजूद विधायक से जुड़ा होने के कारण इसकी जांच सीआईडी सीबी कर रही है.


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