Rajasthan: बीजेपी MLA शंकर सिंह ने पुलिस पर लगाए आरोप, कहा- 'अपराध बढ़ने से राजस्थान बन रहा बिहार'
बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत ने राजस्थान की पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने पुलिस पर बदमाशों को पैसा लेकर संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अपराध से लोगों में भय का माहौल है.
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले ही सियासत गर्माने लगी है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Congress Bharat Jodo Yatra) और बीजेपी की जन आक्रोश रैली( BJP Jan Aakrosh Rally) निकलने जा रही है. इस बीच बीजेपी ने गहलोत सरकार के साथ साथ ब्यूरोक्रेट्स पर भी हमला तेज कर दिया है. ताजा मामला ब्यावर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत (MLA Shankar Singh Rawat) का है. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
राजस्थान धीरे-धीरे बिहार बन रहा है- शंकर रावत
विधायक रावत के मुताबिक अपराध बढ़ने से राजस्थान धीरे-धीरे 'बिहार' बन रहा है. उनका कहना है कि जिस तरह पटवारी को अपने क्षेत्र की हर जमीन का पता होता है उसी तरह पुलिस को भी अपने क्षेत्र के हर अपराधी और अपराध का पता होता है मगर पुलिस पैसा लेकर बदमाशों को संरक्षण दे रही है. हर वारदात में पुलिस का हिस्सा होता है. यही कारण है कि प्रदेश में पुलिस की मिलीभगत से अपराध पनप रहे हैं. मर्डर, रेप, चोरी-डकैती की वारदातों से लोगों में भय का माहौल है. सरकार को ऐसे पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें नौकरी से हटाना चाहिए, ताकि दूसरों को सबक मिले. भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को हटाकर नई भर्ती करनी चाहिए. प्रदेश में बेरोजगारों की कमी नहीं है.
बीजेपी विधायक ने पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा
विधायक रावत पहले भी कई बार पुलिस को टारगेट कर चुके हैं. 5 मई 2022 को नरेंद्र सिंह की मौत मामले में पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लोगों के साथ टॉडगढ़ थाने पर धरना दिया था. विधायक के विरोध जताने पर अजमेर एसपी (Ajmer SP) को तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करना पड़ा था. 21 नवंबर 2021 को रामपुरा दूदा गांव के विशाल सिंह की मौत मामले में भी रावत ने परिवार और जनप्रतिनिधियों के साथ प्रदर्शन किया था. उन्होंने जवाजा थानाधिकारी पर रिपोर्ट बदलवाने का आरोप लगाते हुए थानाधिकारी और कांस्टेबल को निलंबित करने की मांग की थी.