Rajasthan Politics: 'जोधपुर को राज्य घोषित करवा दें मुख्यमंत्री', BJP विधायक वासुदेव देवनानी ने क्यों कही ये बात?
Rajasthan Politics News: विधायक देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार अभी भ्रम में है. प्रदेश में नए 19 जिले बनाने से इनको कोई फायदा नहीं होगा. हो सकता है इनका दांव उलटा पड़ जाए.
Rajasthan Politics: राजस्थान में एक साथ 19 जिलों की घोषणा करने के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के कार्य की सराहना कर रही है, तो वहीं विपक्षी दल बीजेपी (BJP) योजनाओं को विफल बताकर सरकार पर निशाना साध रही है. चुनावी साल में सूबे की सत्ता परिवर्तन का प्रयास कर रहे बीजेपी नेता किसी न किसी मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं. सोमवार को भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने मुख्यमंत्री के गृह जिले में हो रहे विकास कार्यों पर नाराजगी जताते हुए अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.
'उच्च शिक्षा के प्रति सरकार गंभीर नहीं'
अजमेर (Ajmer) उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश में उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों के प्रति गंभीर नहीं है. प्रदेश में 52 विश्वविद्यालय बने हुए हैं. सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत यह है कि 25 परसेंट ही अध्यापक-प्राध्यापक रहे हैं. अजमेर विश्वविद्यालय (Ajmer University) के 48 में से 32 पद खाली हैं. राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) का भी यही हाल है.
सरकार विश्वविद्यालयों का विकास करने के लिए 2 लाख, 3 लाख रुपये देकर बजटीय औपचारिकता निभा रहे हैं. न तो पैसा दे रहे हैं, न पद दे रहे हैं. ऐसे कैसे विश्वविद्यालय चला रहे हैं? वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया कि सरकार सारे विश्वविद्यालय जयपुर या जोधपुर में स्थापित कर रही है. मानो प्रदेश में अन्य तो कोई स्थान ही नहीं है. अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं. अजमेर में सिर्फ एक एमडीएएस यूनिवर्सिटी (MDS University) है. बाकी सारे विश्वविद्यालय जोधपुर (Jodhpur) ले गए. अगर जोधपुर का इतना ही ख्याल है तो जोधपुर को स्टेट ही बना दो. सीएम को ध्यान रखना चाहिए कि राजस्थान स्टेट के मुख्यमंत्री हो. सभी संभागों पर समान रूप से विचार किया जाना चाहिए.
'भ्रम में है कांग्रेस सरकार'
विधायक देवनानी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अभी भ्रम में है. प्रदेश में नए 19 जिले बनाने से इनको कोई फायदा नहीं होगा. हो सकता है इनका दांव उलटा पड़ जाए. जितनी जगह समर्थन मिल रहा है उससे ज्यादा जगह जिलों को लेकर विरोध शुरू हो गया है. अगले 3-4 महीने में यह धरातल पर नहीं आने वाली. चुनावी रणनीति के तहत चुनावी लाभ उठाने के लिए सरकार ने जिलों की घोषणा जरूर की है लेकिन न तो कलेक्ट्रेट ऑफिस बनने हैं, न भवन बनने हैं, न लोगों को लाभ मिलना है.
यह केवल मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. लोगों ने बीते करीब एक साल से मन बना लिया है कि इनको विदा करना है, क्योंकि लोगों को सुरक्षा चाहिए, कानून व्यवस्था चाहिए, जो देने में सरकार असमर्थ है. आज चारों ओर अराजकता फैल रही है, गैंगस्टर्स की लड़ाई हो रही है, जगह-जगह गोलीकांड हो रहे हैं, अस्मिता लूटी जा रही है, यह मुद्दे जनता लॉलीपॉप से भुलने वाली नहीं है.
'सरकारी अस्पतालों की हालत बेकार'
विधायक देवनानी ने आरोप लगाया कि सरकार के पास 40 प्रतिशत भी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं है. प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल बंद हैं. सरकारी अस्पतालों की हालत बेकार है. अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न उपकरण हैं. व्यवस्थाएं चरमराई हुई है. ऐसे वक्त में सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों को मजबूर करना कि तुम हमारी योजना में आ जाओ, नहीं तो हम तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही करेंगे, यह उचित नहीं है.
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